सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बोले (Narendra Modi Speech in Parliament) रहे हैं। उनके संबोधन के दौरान हंगामा हुआ है। पीएम ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को देश की प्रगति नहीं भा रही है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बोल रहे हैं। उनके संबोधन के दौरान हंगामा हुआ है। वह लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के चलते आदिवासी समाज में गौरव की अनुभूति हो रही है। पीएम ने कहा कि रुचि, प्रकृति के अनुरूप सभी लोग अपनी बात रख रहे हैं। देश देख रहा है कि किसकी क्या मंशा है। कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा इकोसिस्टम, समर्थक उछल रहे थे। खुश होकर कह रहे थे ये हुई न बात। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है ‘ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं। वो अब आ रहे हैं।’
पीएम ने कहा कि जब राष्ट्रपति जी का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी काट गए। एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समाज के प्रति उनकी सोच क्या है, लेकिन जब इस प्रकार की बातें टीवी के सामने कही गई तो भीतर पड़ा नफरत का भाव बाहर आ गया। सभी के भाषण को सुनने पर लगा कि किसी को राष्ट्रपति के भाषण पर ऐतराज नहीं है।
आत्मविश्वास से भरा है देश
पीएम ने कहा कि मुझे आशंका थी कि राष्ट्रपति के भाषण पर ऐतराज हो सकता है, लेकिन मुझे खुशी है कि किसी ने विरोध नहीं किया। राष्ट्रपति ने कहा था कि देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिली है। आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण अवसर हमारे सामने है। कोरोना महामारी, युद्ध की स्थिति, बंटा हुआ विश्व, इस संकट के माहौल में देश को जिस प्रकार से संभाला गया है इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है।
पूरे विश्व में भारत को लेकर है पॉजिटिविटी
आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी है। एक आशा है, भरोसा है। ये भी खुशी की बात है कि आज भारत को विश्व के समृद्ध देशों के समूह जी 20 की अध्यक्षता करने का अवसर मिला है। यह देश के लिए गर्व की बात है। मुझे लग रहा है कि कुछ लोगों को इससे भी दुख हो रहा है। आज दुनिया की हर विश्वसनीय संस्था सारे एक्सपर्ट्स जो भविष्य का अच्छे से अनुमान लगा सकते हैं उन सबको आज भारत के प्रति बहुत आशा, विश्वास और उमंग है। आज पूरी दुनिया भारत की तरफ आशा की नजर से देख रही है इसके पीछे कारण है।
डिजिटल इंडिया की हो रही वाहवाही
भारत में दो तीन दशक अस्थिरता के रहे हैं। आज स्थिरता है। एक निर्णायक सरकार राष्ट्रहित में फैसले लेने का सामर्थ्य रखती है। हमारी सरकार सुधार ला रही है। हम इस मार्ग से हटने वाले नहीं हैं। आज भारत के डिजिटल इंन्फ्रास्ट्रक्चर ने जिस तेजी से अपनी ताकत दिखाई है विश्व इसका अध्ययन कर रहा है। डिजिटल इंडिया की वाहवाही पूरी दुनिया में हो रही है।
निराशा में डूबे लोग स्वीकार नहीं कर पा रहे देश की प्रगति
मोदी ने कहा कि भारत में नई संभावनाएं हैं। कोरोन काल में सप्लाई चेन की कमी ने दुनिया को हिला दिया था। आज भारत इस कमी को पूरा कर रहा है। भारत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार नहीं कर सकते। उन्हें भारत के लोगों की उपलब्धियां नजर नहीं आ रही हैं। पिछले 9 साल में भारत में 90 हजार स्टार्टअप्स बने। देश में 108 यूनिकॉर्न बने। हम इस मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं। आज भारत दुनिया में मोबाइल निर्माण में दूसरे नंबर पर है। घरेलू विमान यात्री के मामले में हम तीसरे नंबर पर हैं। एनर्जी खपत में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। रिन्यूएबल एनर्जी में चौथे नंबर पर है।
पीएम ने कहा कि कुछ लोग ऐसे निराशा में डूबे हैं। काका हाथरसी ने कहा था, 'आगा पीछा देखकर क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन।' यह निराशा ऐसे नहीं आई है। इसके पीछे कारण है। एक तो जनता का हुकुम लेकिन साथ-साथ इस निराशा के पीछे अंतरमन में पड़ी चीज चैन से सोने नहीं देती। पिछले 10 साल में 2014 से पहले 2004 से 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई। महंगाई डबल डिजिट रही। इसलिए अगर कुछ अच्छा होता है तो निराशा और उभरकर आती है।
बाघ को दिखाते हैं बंदूक का लाइसेंस
बेरोजारी को लेकर पीएम ने कहा कि एक बार जंगल में दो नौजवान शिकार करने गए, वो बंदूक गाड़ी में छोड़कर उतरे। सोचा कि कुछ टहल लेते हैं आगे जाकर बाघ का शिकार करेंगे। बाघ वहीं था। बंदूक गाड़ी में छूट गई थी। उन्होंने बाघ को बंदूक का लाइसेंस दिखाया। कहा मेरे पास बंदूक का लाइसेंस है। उन्होंने बेरोजगारी दूर नहीं की सिर्फ कानून बना दिया। 2004-2014 आजादी के इतिहास का सबसे घोटाले का वक्त रहा। इसी दस साल में कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा। हर नागरिक असुरक्षित था। दस साल में जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ इस्ट तक हिंसा ही हिंसा थी। उस 10 साल में भारत की आवाज ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने तक को तैयार नहीं थी।
इनकी निराशा का कारण यह भी है आज जब देश की क्षमता का परिचय हो रहा है। 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य खुलकर सामने आ रहा है। उन्होंने अपने 10 साल में वो अवसर गंवा दिया। हर मौके को मुसीबत में पलट दिया। जब टेक्नोलॉजी की युग आया तो ये टूजी में फंसे रहे। सिविल न्यूक्लियर डील की चर्चा हुई तो ये कैश फोर वोट के खेल में फंसे रहे। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए। भारत को दुनिया के सामने लाने का मौका था। कॉमनवेल्थ घोटाले से देश बदनाम हुआ।
कांग्रेस की बर्बादी पर हार्बर्ड में होगी स्टडी
विपक्ष को लेकर पीएम ने कहा कि कहा कि कुछ लोग 9 साल से गाली दे रहे हैं। कोर्ट से मन मुताबिक फैसला नहीं आया तो उसके खिलाफ बोलो। सदन में भ्रष्टाचार का जांच कर रही एजेंसी के खिलाफ बहुत कुछ कहा गया। सदन में कुछ लोग सुर में सुर मिला रहे थे। इनलोगों को ईडी का धन्यवाद करना चाहिए कि इन्हें एक मंच पर ला दिया है।
कुछ लोगों को हार्वर्ड की स्टडी का बड़ा शौक है। कोरोना काल में ऐसा ही कहा गया था कि भारत की बर्बादी पर हार्वर्ड में स्टडी होगी। बीते वर्षों में हार्वर्ड में एक स्टडी हुई। इसका टॉपिक था ‘द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कॉन्ग्रेस पार्टी’। मुझे विश्वास है कि भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर सिर्फ हार्वर्ड ही नहीं विश्व के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में स्टडी होगी। इस प्रकार के लोगों के लिए दुष्यंत कुमार ने कहा है 'तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये हैं कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।'
सदन में लगे मोदी-मोदी के नारे
पीएम ने कहा कि ये लोग सोचते हैं को मोदी को गाली देकर काम हो जाएगा। वे 22 साल से ऐसा कर रहे हैं। मोदी पर लोगों का भरोसा अखबारों की खबरों और टीबी पर चमकते चेहरे से पैदा नहीं हुआ है। मोदी पर देशवासियों को भरोसा है। हमने पूरा जीवन खपा दिया, एक-एक पल लगा दिया। पीएम के यह कहने पर सदन में मोदी...मोदी... के नारे लगे। इसके बाद पीएम ने कहा कि देश के लोग आपकी गालियों पर विश्वास नहीं करते। जो कल फुटपाथ पर जीने के लिए मजबूर था ऐसे 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को पक्के घर मिले हैं, उनको झूठी बातों पर कैसे विश्वास होगा। 9 करोड़ लोगों को मुफ्त गैस का कनेक्शन मिला है। 11 करोड़ बहनों को इज्जत घर मिला है।
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