
Mission Sudarshan Chakra: पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से दिए गए अपने भाषण में घोषणा की कि भारत एक नया ‘सुदर्शन चक्र’ तैयार करेगा। यह एक मल्टी-लेयर्ड फ्रेमवर्क वाला एडवांस सर्विलांस, साइबर प्रोटेक्शन और फिजिकल सेफगार्ड को मिलाकर बनाया जाएगा जिससे देश के नागरिकों को दुश्मन के हमलों और आतंकी खतरों से बचाएगा। सबसे महत्वपूर्ण यह कि यह पूरी तरह से स्वदेशी होगा।
यह नया डिफेंस शील्ड इजरायल के आइरन डोम और यूएस के प्रस्तावित गोल्डेन डोम की तरह होगा लेकिन इसका दायरा सिर्फ मिसाइल्स तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें Precision Counterstrike Capabilities और Anti-Cyber Warfare Measures भी होंगे ताकि डिजिटल धमकियों जैसे हैकिंग-फिशिंग को भी नाकाम किया जा सके।
पीएम मोदी ने कहा कि 2035 तक इस शील्ड का विस्तार, मजबूत और एडवांस करना लक्ष्य है। सुदर्शन चक्र का पूरा सिस्टम भारत में रिसर्च, डेवलप और मैन्युफैक्चर होगा। इसमें डिफेंस रिसर्च एजेंसीज, आर्म्ड फोर्सेस, प्राइवेट सेक्टर इनोवेटर्स मिलकर काम करेंगे।
अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले और मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने 100 घंटे तक इंडियन मिलिट्री बेसों, फाइटर जेट्स और शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन IACCS (Integrated Air Command and Control System) ने दुश्मन के Missiles को रियल टाइम ट्रैक कर मार गिराया। इसी अनुभव ने Multi-Layered Protection को और मज़बूत करने की जरूरत पर जोर दिया।
सुदर्शन चक्र का बेस IACCS और आर्मी का स्वदेशी आकाशतीर नेटवर्क होगा जो आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के एयर डिफेंस सिस्टम्स को एक साथ जोड़कर नेट-सेंट्रिक ऑपरेशनल कैपेबिलिटी देता है। इसमें रडार्स, AWACS Surveillance और फाइटर जेट्स का इंटीग्रेशन होगा।