सोशल मीडिया यूजर्स ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) अर्थात नेशनल वॉर मेमोरियल पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने के केंद्र के निर्णय पर शुक्रवार को मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
नई दिल्ली : अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti Shifting) को इंडिया गेट से हटाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) के पास जल रही ज्योति में समाहित करने के फैसले की पूरे देश में चर्चा है। वहीं देश के लोगों ने सरकार के इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है।
सोशल मीडिया पर लोंगों ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर सरकार के इस फैसले को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ यूजर्स सरकार की तारीफ कर रहे तो कुछ इस फैसले से भड़क उठे हैं। सचिन यादव नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि उन्हें हर जलती हुई मशाल से नफ़रत है,हर लौ बुझा देना चाहते हैं वो। 1971 भारत पाक युद्ध में शहादत देने वाले अमर सपूतों की याद में 50 साल से जल रही Amar Jawan Jyoti को बुझाना इस सरकार का सबसे शर्मनाक काम है। सनकी सरकार की सनक हर निशानी मिटा देना चाहती है।
वहीं एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति’ बुझा दी, जलियांवाला बाग की दीवारें मिटाकर फ़ाउंटेन और साउंड शो लगा दिए। काशी के सदियों पुराने मंदिर तोड़कर ईंट और सीमेंट के नए कॉम्प्लेक्स बना दिए। आधुनिक भव्यता और ऐतिहासिक धरोहरों में अंतर होता है, कोई इस मूर्ख को समझाओ। नहीं तो सब तोड़ देगा। शिवांगी वर्मा ने लिखा कि सरकार ने दिल्ली के इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति को बजट के अभाव में हमेशा के बुझाने का फैसला किया है। जबकि सरकार के मंत्री अपने खर्चे में कटौती करके इस ज्योति को जलाये रख सकते हैं। जवानों की मिटती यादें।
इंडिया गेट की ‘अमर जवान ज्योति’ बुझा दी, जलियाँवाला बाग की दीवारें मिटाकर फ़ाउंटेन और साउंड शो लगा दिए। काशी के सदियों पुराने मंदिर तोड़कर ईंट और सीमेंट के नए कॉम्प्लेक्स बना दिए। आधुनिक भव्यता और ऐतिहासिक धरोहरों में अंतर होता है, कोई इस मूर्ख को समझाओ। नहीं तो सब तोड़ देगा। pic।twitter।com/YT67jNkNfs
— Sujeet Bhartiya (@SujeetBhartiya) January 21, 2022
एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि किसने बुझा दिया? यह ग़लत खबर है अमर जवान ज्योति तो अभी भी जल रही है और जलती रहेगी। इसके अतिरिक्त सुरेंद्र पुनिया नामक एक यूजर ने लिखा कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं गया है, बल्कि उसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की अमर जवान ज्योति में विलय कर दिया है,।जहां भारत के हर एक शहीद का नाम अंकित है ।।इंडिया गेट पर सारे शहीदों के नाम नहीं हैं! वहीं एक शुभांजलि कुशवाहा नामक यूजर ने मोदी सरकार के इस निर्णय की सहराहना की, उन्होंने लिखा,' गुड डिसीजन"
अन्वेषका नामक ट्विटर यूजर ने कांग्रेस सरकार हमला बोलते हुए लिखा कि क्या कांग्रेस को लगता है कि अमर ज्योति सिर्फ एक पर्यटन स्थल है? अगर सरकार अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मर्ज कर रही है तो यह जवानों के लिए सम्मान की बात है, इस पर राहुल गांधी को समस्या क्यों हो रही है?
नीरज सेन नामक एक यूजर ने लिखा कि जैसे हमारे देवी देवताओं की अखंड ज्योति को दूसरी जगह स्थापित नही किया जाता है। ठीक उसी प्रकार अमर जवान ज्योति की एक अलग श्रद्धा है,अलग इतिहास है। इसे अपने स्थान पर ही रहने दे। मैं PMO_India से करबद्ध प्रार्थना करता हूं।
पूर्व सैनिकों ने भी दी मिली-जुली प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले पर पूर्व सैनिकों (Ex-servicemen) ने मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने ट्विटर (Twitter) पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए उनसे इस आदेश को रद्द करने की अपील की। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने केंद्र के निर्णय पर को उचित ठहराया है। दुआ ने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक के डिजाइन चयन और निर्माण में भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में मेरा विचार है कि इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के शहीद नायकों का स्मारक है।'
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