मोदी सरकार के 11 कदम...जिससे दिल दहलाने वाले दिनों के बाद सामने दिखने लगा उम्मीद भरा सवेरा

नए केस और रिकवरी ग्राफ भी काफी हद तक सुखद स्थितियों की ओर इशारा करने लगे हैं। देश को दूसरी लहर से उबारने के लिए सरकार के प्रयासों को 11 भागों में विभाजित कर विश्लेषित किया जा सकता है।

अखिलेश मिश्र

नई दिल्ली। कोविड-19 के कुछ दिल दहलाने वाले सप्ताह के बाद अब उम्मीद की किरण सामने दिखने लगी है। भारत कोरोना की दूसरी लहर से उबरने लगा है। रोज के रोज कोविड संक्रमितों के आंकड़ों में लगातार गिरावट दिखने लगा है। साप्ताहिक पाॅजिटिविटी रेट भी लगातार कम हो रहा। नए केस और रिकवरी ग्राफ भी काफी हद तक सुखद स्थितियों की ओर इशारा करने लगे हैं। यह सब अचानक से तो हुआ नहीं। विदेशी मीडिया के आलोचनाओं के इतर केंद्रीय सरकार के प्रयासों ने ही एक भयानक स्थिति से देश को निकाला है। सवाल उठता है कि केंद्र सरकार कोविड महामारी से बचाने के लिए ऐसे कौन से प्रयास किए जिसका जिक्र नहीं किया गया। देश को दूसरी लहर से उबारने के लिए सरकार के प्रयासों को 11 भागों में विभाजित कर विश्लेषित किया जा सकता है।

Latest Videos

 

1- वैक्सीनेशन को तेज किया 

देश को कोविड से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीनेशन ही सबसे बेस्ट उपाय है। सरकार ने सालभर पहले 14 अप्रैल 2020 को टाॅस्क फोर्स बनाया। यह वैक्सीनेशन, वैक्सीन या उससे जुड़े अन्य मुद्दों पर रिसर्च करने के साथ-साथ उसको जल्द से जल्द निस्तारित करता गया। नतीजा यह हुआ कि केवल 9 महीनों के भीतर, 16 जनवरी 2021 को देश भर में कोविड-19 वैक्सीनेशन शुरू हो गया। देश में विकसित कोवैक्सिन वैक्सीन की उत्पादन क्षमता मई-जून 2021 तक दोगुनी और फिर जुलाई-अगस्त 2021 तक लगभग 6-7 गुना बढ़ जाने की उम्मीद है। यानी अप्रैल 2021 में वैक्सीन की 10 मिलियन खुराक से उत्पादन बढ़ाकर 60-70 मिलियन हो जाएगा। सितंबर 2021 तक इसके प्रति माह लगभग 100 मिलियन खुराक तक पहुंचने की उम्मीद है।
कोविशील्ड और स्पूतनिक जैसे अन्य अप्रूव्ड वैक्सीन को भी यहां लाया जा रहा है। जायडस कैडिला, बायोई, नोवोवैक्स सहित कई कंपनियों की वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साल के अंत तक 2.16 बिलियन वैक्सीन भारत के पास होगा। उधर, सरकार ने 1 मई से, 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीयों को वैक्सीन का ऐलान कर दिया है। अब तक, पूरे भारत में 185 मिलियन से अधिक लोगों को सबसे तेज गति से टीका लगाया जा चुका है।

 

2-ऑक्सीजन की डिमांड पूरी करने के लिए कड़े फैसले
 
कोविड की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार मचा दिया। अचानक से भारत की मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड 900 एमटी/प्रतिदिन हो गया। कुछ ही दिनों में यह 9,000 मीट्रिक टन/दिन तक पहुंच गया। अचानक से बढ़ी डिमांड ने देश के लिए कुछ दिन दर्दनाक स्थिति में पहुंचा दिया। लेकिन स्थिति से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है। केंद्र सरकार ने उत्पादन बढ़ाने पर सारा जोर दिया और प्रबंधन की वजह से यह मसला निपट गया। इसके बाद परिवहन पर आकर परेशानी होनी शुरू हो गई क्योंकि राज्यों के पास परिवहन का अधिकार था। फिर भी सभी केंद्रीय मंत्रालयों को अपने संसाधनों को एकजुट किया गया। उदाहरण के लिए, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अपने उपक्रमों का इस्तेमाल किया। इस समय 650 मीट्रिक टन की क्षमता वाले 12 टैंकर और 20 आईएसओ कंटेनर हैं। इस महीने के अंत तक 2314 मीट्रिक टन की क्षमता के साथ 26 टैंकरों और 117 आईएसओ कंटेनरों तक जाने की संभावना के साथ, आंकड़े में काफी सुधार होने जा रहा है। कुल मिलाकर, मार्च में ऑक्सीजन टैंकरों की क्षमता 12,480 मीट्रिक टन थी और उनके संख्या 1040 थी। अब टैंकरों की क्षमता 23,056 मीट्रिक टन हो गई है और उनकी संख्या बढ़कर 1681 हो गई है। मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता मार्च 2020 में 435,000 से बढ़कर 21 मई में 1.12 मिलियन हो गई है।
इसके अतिरिक्त, लिक्विड ऑक्सीजन भी विदेशों से आयात की गई है। 3 महीने में 3,500 मीट्रिक टन की डिलीवरी की जाएगी। इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कुवैत और फ्रांस से 2285 मीट्रिक टन एलएमओ का आयात किया गया है, जिसका एक हिस्सा पहले ही आ चुका है।

3- दवा से लेकर मास्क और वेंटिलेटर की उपलब्धता बढ़ाई

रेमडेसिविर का उत्पादन 12 अप्रैल 2021 को 3.7 मिलियन से बढ़कर 4 मई 2021 को 10.1 मिलियन हो गया है। 12 अप्रैल 2020 तक रेमडेसिविर का उत्पादन केवल 20 कंपनियां करती थी जिसे 4 मई 2021 तक बढ़ाकर 57 कर दिया गया है। हजारों की संख्या में एक्स्ट्रा टोसीलिजुमैब की खरीद की गई है।
ड्रग रेगुलेटर ने इमरजेंसी उपयोग के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित नई एंटी-कोविड दवा को मंजूरी दी है। इस दवा से कोविड को ठीक करने और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता से काफी राहत मिल सकेगी।
राज्यों को उनके फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए 16.19 मिलियन पीपीई किट और 41 मिलियन एन -95 मास्क की आपूर्ति की गई है। 38,103 नए वेंटिलेटर भी राज्यों को सप्लाई दी गई। 

4-टेस्टिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया 

कोविड टेस्टिंग के लिए जनवरी 2020 में महज एक प्रयोगशाला थी। लेकिन आज की तारीख में 1.5 मिलियन प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता के साथ 2463 लैब्स देशभर में काम कर रहे हैं। देश में ही एक मिलियन किट/प्रतिदिन तैयार भी कराए जा रहे हैं। 

5-अस्पताल और देखभाल सुविधाओं के लिए उठाए कदम

कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के साथ बेड्स की सुविधाओं में भी लगातार इजाफा किया गया। कोविड अस्पतालों में 4,68,974 बिस्तरों सहित 1.86 मिलियन बेड्स आज भी मौजूद हैं। पिछले साल लॉकडाउन से ठीक पहले सिर्फ 10,180 आइसोलेशन बेड थे। आईसीयू बेड के लिए भी इसी तरह की क्षमता वृद्धि की गई है। लॉकडाउन से पहले सिर्फ 2,168 से बढ़कर अब 92,000 से अधिक हो गई है।
आइसोलेशन यूनिट के रूप में कोविड केयर रेलवे कोच अब देश भर में फैले 7 राज्यों में 17 अलग-अलग जगहसें पर काम कर रहे हैं। रेलवे ने 4,400 से अधिक कोविड केयर कोचों में 70,000 आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराए हैं।

 

6-नागरिकों की मदद

गेंहू की फसल की बिक्री के बदले पंजाब के किसानों के खाते में 3 बिलियन डाॅलर ट्रांसफर किए गए हैं। पहली बार किसानों के खातों में सीधे भुगतान गया है। 
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पहले 10 दिनों में ही 12 राज्यों में 20 मिलियन से अधिक लाभार्थियों को 100,000 मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया है। यह योजना उसी योजना का विस्तार है जो पिछले साल पहली लहर में शुरू की गई थी जिसमें लगभग 80 मिलियन लोग लाभान्वित हुए थे।

7-वैश्विक सहायता का वितरण

भारत को विदेशी मदद के रूप में 11 मई तक, 8,900 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 5,043 ऑक्सीजन सिलेंडर, 18 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, 5,698 वेंटिलेटर/बीआई पीएपी और 340,000 लाख से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले हैं। इन सामानों को राज्यों को दिया गया है। 

8-राज्यों और स्थानीय सरकारों को वित्तीय सहायता

केंद्र ने 25 राज्यों में पंचायतों को संयुक्त अनुदान के रूप में 1.5 अरब डॉलर जारी किए हैं। महामारी की आपात स्थिति को देखते हुए राज्य सरकारों के लिए एक तिमाही में ओवरड्राफ्ट के दिनों की अधिकतम संख्या 36 से बढ़ाकर 50 दिन कर दी गई है। केंद्र सरकार ने पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिए राज्यों को ब्याज मुक्त 50 वर्षीय ऋण के रूप में 2 बिलियन डॉलर तक की अतिरिक्त राशि प्रदान करने का भी निर्णय लिया है।

9-इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेस के लिए भी सहायता

कोविड से बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की बुनियादी ढांचे और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तीन साल तक के लिए लगभग 8 बिलियन डॉलर की टर्म लिक्विडिटी सुविधा दी गई है। 
एमएसएमई और अन्य असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं के लिए 2.5 बिलियन डॉलर अलग रखे गए हैं। प्रत्येक एमएसएमई के लिए लगभग 15,000 डॉलर की सीमा उपलब्ध है। ये ऋण नाममात्र की ब्याज दरों पर उपलब्ध होंगे और आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने में प्रमुख रूप से मदद करेंगे।

10-पीएम केयर फंड का वितरण

पीएम केयर फंड का सबसे पहले लिक्विड ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट लगाने के लिए किया गया है। देशभर में 1200 प्लांट की मंजूरी मिली है। इससे हर जिले में कम से कम एक ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट लगना है। साथ ही क्षमता बढ़ाने के लिए इसी कोष से 150,000 लाख ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर खरीदे गए हैं।
पीएम केयर फंड से 50,000 ‘मेड इन इंडिया’ वेंटिलेटर की खरीदे गए और उनको राज्यों में लगवाया गया। प्रवासी राहत के लिए 150 मिलियन डॉलर जुटाए गए हैं।
पीएम केयर का उपयोग हेल्थकेयर वर्कर्स और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए पहले चरण के तहत कोविड-19 के लिए वैक्सीन की 66 मिलियन डोज की खरीद के लिए भी किया गया है। 

11- सामने से नेतृत्व करना - बैठकों की समीक्षा करना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सरकारी तंत्र को टाॅप पर रखने के लिए सभी स्तरों पर निर्णय लेने वालों ग्रुप्स का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने अब तक 10 बार राष्ट्र को संबोधित किया है। मुख्यमंत्रियों के साथ कई दौर की बैठकें की हैं। पहली लहर के दौरान, दूसरी लहर शुरू होने से पहले और दूसरी लहर के दौरान। मोदी व्यक्तिगत रूप से ऑक्सीजन निर्माताओं, दवा निर्माताओं, नाइट्रोजन प्लांट मालिकों (उन्हें ऑक्सीजन प्रोडक्शन के लिए माॅडिफाई करने के लिए), टाॅप मेडिकल प्रोफेशनल्स, आम्र्ड फोर्सेस को राहत के लिए जुटाने, वैक्सीन कंपनियों और अन्य स्टेकहोल्डर्स से खुद बात किया। 18 मई को, मोदी ने डीएम/जिला कलक्टर्स से बातचीत की है। उनसे जाना कि गांवों में क्या हो रहा है। 

दरअसल, भारत ने महामारी के खिलाफ एक कठिन और कभी-कभी एक दर्दनाक लड़ाई लड़ी है। लेकिन फ्रंट-लाइन कार्यकर्ता, विशेष रूप से स्वास्थ्य पेशेवर और आम तौर पर लोग एक वीर लड़ाई लड़ रहे हैं। यह लोगों की सामूहिक इच्छा है जो जल्द ही परिणाम देगी।

(लेखक ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन, नई दिल्ली के सीईओ हैं। पूर्व में MyGov के डायरेक्टर (कंटेंट) रह चुके हैं।)
 

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आईए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं... जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

Share this article
click me!

Latest Videos

Sambhal Jama Masjid: संभल में क्या है जामा मस्जिद सर्वे से जुड़ा विवाद? 10 प्वाइंट में समझें सबकुछ
महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद BJP कार्यालय पहुंचे PM Modi । Maharashtra Election Result
Maharashtra Election Result: जीत के बाद एकनाथ शिंदे का आया पहला बयान
जय भवानी' PM Modi बोले- महाराष्ट्र में सुशासन और विकास की जीत, झूठ-छल-फरेब की हुई हार
Wayanad Elecion Results: बंपर जीत की ओर Priyanka Gandhi, कार्यालय से लेकर सड़कों तक जश्न का माहौल