केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के पहले सीएए लागू किया जाएगा। और अब 11 मार्च 2024 सीएए के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन बन चुका है।
Citizen Amendment Act implementation: बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने देश के सबसे विवादित कानून को लागू कर दिया है। 2020 में पारित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लागू करने के लिए सोमवार को गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया। लोकसभा चुनाव के पहले सीएए लागू होने से राजनैतिक सरगर्मी बढ़ी है। दरअसल, देश में एनआरसी और सीएए पारित किए जाने के बाद 2020 में देश की राजधानी दिल्ली सहित विभिन्न जगहों पर हुए दंगों में कई दर्जन जानें गई थी। हालांकि, बीते दिनों ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के पहले सीएए लागू किया जाएगा। और अब 11 मार्च 2024 सीएए के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन बन चुका है।
गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
सीएए लागू होने के बाद क्या होगा महत्वपूर्ण बदलाव?
सीएए के लागू होने के बाद भारत देश की नागरिकता गैर मुस्लिम शरणार्थियों को लेना आसान हो जाएगा। यह कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है।
भारतीय नागरिकता उन अप्रवासी को दी जाएगी जो पिछले एक वर्ष और पिछले 14 वर्षों में से कम से कम पांच वर्षों में भारत में रहा हो। पहले प्रवासियों के लिए कम से कम 11 वर्ष देश में रहने के बाद ही नागरिकता मिल सकती थी।
यह कानून संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं होगी। असम में कार्बी आंगलोंग, मेघालय में गारो हिल्स, मिजोरम में चकमा जिले और त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्र जिले शामिल हैं।