2- हमारी पहचान पुरुषार्थ से, उन्होंने चुनौतियों का परमानेंट साल्यूशन नहीं खोजा
मोदी ने आगे कहा- एक समय पर पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक इन्हीं की दुनिया चलती थी। देश भी आंख बंद करके उनका समर्थन करता था, लेकिन उन्होंने इस तरह की कार्यशैली और कल्चर विकसित किया, जिसके चलते एक भी चुनौती का परमानेंट सॉल्यूशन निकालने का न उन्होंने सोचा, न सूझा और न ही प्रयास किया। बहुत हो हल्ला होता था तो चीजें को छू लेते थे, टोकनिज्म कर लेते थे और आगे निकल जाते थे। समस्याओं का हल निकालना उनकी जिम्मेदारी थी। लेकिन उनकी प्राथमिकताएं और इरादे अलग थे। यही वजह है कि किसी भी चीज का परमानेंट सॉल्यूशन नहीं निकला। हमारी सरकार की पहचान हमारे पुरुषार्थ के कारण बनी है। एक के बाद एक उठाए गए कदमों के से बनी है। आज हम परमानेंट सॉल्यूशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम एक-एक विषय को छूकर भागने वाले लोग नहीं, लेकिन देश की मूलभूत जरूरतों का परमानेंट सॉल्यूशन देते हुए आगे बढ़ रहे हैं।