सार
पीएम मोदी गुरुवार को विपक्ष पर जमकर बरसे। मोदी ने जैसे ही राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देना शुरू किया, विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद मोदी ने विपक्ष पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा- देश देख रहा है, एक अकेला कितनों पर भारी है।
PM Modi on Opposition: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को विपक्ष पर जमकर बरसे। मोदी ने जैसे ही राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देना शुरू किया, तभी विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद तो मोदी ने कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। पीएम ने कहा- अगर किसी कार्यक्रम में नेहरू जी के नाम का उल्लेख न किया गया तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं। अगर नेहरु इतने ही महान थे तो फिर उस परिवार का कोई भी शख्स नेहरू सरनेम रखने से क्यों डरता है?
मोदी बोले- कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल..
राज्यसभा में विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी और 'मोदी-अडाणी भाई-भाई' के नारे लगाए। इस पर मोदी ने शायराना अंदाज में विपक्ष को जवाब देते हुए कहा- कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल...जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। और अच्छा ही है, जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा। वैसे, कमल खिलाने में आपका प्रत्यक्ष, परोक्ष जो भी योगदान है, इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं।
60 साल में कांग्रेस ने देश में गड्ढे ही गड्ढे कर दिए..
मोदी ने आगे कहा- विपक्ष के आदरणीय खड़गे जी ने कहा कि हमने 60 साल में मजबूत बुनियाद बनाई। और उनकी शिकायत थी कि बुनियाद हमने बनाई और क्रेडिट मोदी ले रहा है। लेकिन 2014 में मैंने चीजों को बड़ी गहराई और बारीकी से देखने का प्रयास किया, तो मुझे नजर आया कि 60 साल में कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए। हो सकता है कि उनका इरादा मजबूत नींव बनाने का हो, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जब वो गड्ढे खोद रहे थे तो उसमें 6 दशक बर्बाद कर दिए। उस वक्त दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे, आगे बढ़ रहे थे।
एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है..
विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा- देश की आर्थिक सेहत के लिए राज्यों को भी डिसिप्लिन में आना होगा। तभी राज्य विकास की यात्रा का फायदा उठा सकेंगे। जिनकी दो वक्त की रोटी का सपना था, उस पर आपने ध्यान नहीं दिया। सामाजिक न्याय आपने नहीं देखा, हमने देखा। अवसरों को उपलब्ध कराने के लिए हमने कदम उठाए। आजाद भारत के सपने पूरे करने के लिए हम संकल्प बद्ध होकर चले। देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। अरे नारे बोलने के लिए भी उनको लोग बदलने पड़ रहे हैं। अकेले घंटेभर से बोल रहा हूं रुका नहीं। उनके अंदर हौसला नहीं है, वो बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं।
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