सूरज की सतह से अधिक गर्म होती है आसमान से गिरने वाली बिजली,जानें क्यों गिरती है जमीन पर, क्या हैं बचने के उपाय

आकाशीय बिजली (lightning strike) में लाखों-करोड़ों वोल्ट की ऊर्जा होती है। यह सूरज की सतह से भी अधिक गर्म होती है। बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे नहीं छिपना चाहिए। बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहना चाहिए। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 11, 2022 8:37 AM IST

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में मानसून (Monsoon) ने दस्तक दे दी है तो कई राज्यों के लोग इस उम्मीद से आसमान की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं कि कब काले घने बादल आएंगे और घुमर-घुमर कर बरसेंगे। बारिश के साथ एक और चीज आती है वह है बिजली। आसमान से गिरने वाली बिजली (lightning strike) की चपेट में आकर भारत में हर साल सैकड़ों लोगों की मौत होती है। किसी पर सीधे बिजली गिर जाए तो उसका बचना मुश्किल होता है। इसकी गर्मी सूरज की सतह की गर्मी से भी अधिक होती है। 

आकाश से बिजली गिरना प्राकृतिक घटना है। हर सेकेंड धरती पर 50-100 बार बिजली गिरती है। बिजली जिस रास्ते से होकर जमीन पर गिरती है वहां कि हवा 15 हजार डिग्री फारेनहाइट तक गर्म हो जाती है। सूरज की सतह की गर्मी 10 हजार फारेनहाइट है। इस तरह बिजली सूरज की सतह से भी 5 हजार फारेनहाइट अधिक गर्म होती है। इसमें लाखों-करोड़ों वोल्ट की ऊर्जा होती है। यह धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।

यह है बिजली गिरने का कारण
आकाश से बिजली जमीन और बादल की इलेक्ट्रिसिटी में अंतर के कारण गिरती है। यह एक इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। जब हवा के चलते बादल तेजी से मूव करते हैं तो उसमें मौजूद हल्के कण ऊपरी हिस्से में पहुंच जाते हैं। ये पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। दूसरी ओर भारी कण निचले हिस्से में जमा हो जाते हैं। ये निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। 

पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज के बीच जब अंतर बहुत अधिक बढ़ जाता है तो इसे संतुलित करने के लिए दोनों के बीच बिजली का प्रवाह होता है। ज्यादातर बिजली बादल में बनती है और बादल में ही खत्म हो जाती है। यही कारण है कि बारिश के समय हम कई बार बादलों के बीच तेज चमक देखते हैं और आवाज सुनते हैं। हालांकि कई बार यह जमीन पर भी गिरती है।

ऊंचे पेड़ या घर पर इसलिए गिरती है बिजली
जिस समय बादलों में बिजली बन रही होती है उसी वक्त जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज भी बदलता है। जमीन पर मौजूद पेड़ों, घरों और अन्य वस्तुओं का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है। वहीं, उसका निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज होता है। ऊंचे पेड़, घर या किसी और ऊंची चीज से बिजली की एक लहर बादल की ओर उठती है। इसे स्ट्रीमर कहा जाता है। उसी वक्त बादल से निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर अट्रैक्ट होता है और बिजली गिरती है। आसपास कोई पेड़, घर या और ऊंची चीज नहीं हो तब बिजली इंसान पर गिर सकती है। क्योंकि तब इंसान ही उस जगह सबसे ऊंची चीज होता है। इसके चलते खेत या खुले में मौजूद लोगों पर बिजली गिरने की खबर आती है। 

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बिजली से बचने के लिए करें ये उपाये
आसमान में बादल हों और आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो इसे बिजली गिरने की चेतावनी समझना चाहिए। इसका मतलब है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है। ऐसी स्थिति में हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लेना चाहिए। दोनों पैरों को आपस में सटा लेना चाहिए और दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लेना चाहिए। इस दौरान यह ध्यान रखना चाहिए कि सिर जमीन से नहीं सटे। जमीन पर लेटना नहीं चाहिए। बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहना चाहिए। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहना चाहिए। पेड़ के नीचे खड़ा नहीं होना चाहिए।

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