चीन में कोरोना की वजह से हालात से बद से बदतर हो चुके हैं। यहां तक कि अब तो चीन सरकार ने आंकड़े जारी करने ही बंद कर दिए हैं। चीन के अस्पतालों से लेकर श्मशानों तक लाशें ही लाशें नजर आ रही हैं। दूसरी ओर वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस में अभी और म्यूटेशन होंगे, जिसके चलते ओमिक्रॉन का BF.7 से भी ज्यादा खतरनाक वैरिएंट आ सकता है।
Covid cases in china: चीन में कोरोना की वजह से हालात से बद से बदतर हो चुके हैं। यहां तक कि अब तो चीन सरकार ने आंकड़े जारी करने ही बंद कर दिए हैं। चीन के अस्पतालों से लेकर श्मशानों तक लाशें ही लाशें नजर आ रही हैं। बता दें कि चीन में इस तबाही के लिए ओमिक्रॉन का BF.7 वैरिएंट जिम्मेदार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च, 2023 तक चीन में इस वैरिएंट के चलते 10 से 20 लाख मौतें होने का अनुमान है। दूसरी ओर वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस में अभी और म्यूटेशन होंगे, जिसके चलते ओमिक्रॉन के BF.7 से भी ज्यादा खतरनाक वैरिएंट आ सकता है।
इसलिए है नए वैरिएंट के पैदा होने का डर :
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के इन्फेक्शन डिसीज एक्सपर्ट डॉ. स्टुअर्ट कैंपबेल रे के मुताबिक, कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन की तरह ही या फिर इससे भी खतरनाक हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन की इतनी बड़ी आबादी में अब भी लोगों में कोरोना को लेकर हर्ड इम्युनिटी नहीं बन पाई है। ऐसे में कोरोना के नए और बेहद खतरनाक वैरिएंट के पैदा होने का खतरा बहुत ज्यादा है।
वायरस के म्यूटेट होने के लिए मनमाफिक हालात :
डॉ. स्टुअर्ट के मुताबिक, हर नया इन्फेक्शन कोरोना को म्यूटेट होने के लिए एक नया मौका देता है। चीन की करीब 145 करोड़ की जनसंख्या में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। इसकी वजह वहां 'जीरो-कोविड' पॉलिसी को खत्म करना है। जीरो कोविड पॉलिसी के चलते चीन के लोगों में अब तक इम्युनिटी डेवलप नहीं हो पाई है, ऐसे में अब इस वायरस को एक बार फिर म्यूटेट होने के लिए मनमाफिक हालात मिलते दिख रहे हैं।
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वायरस अब भी कमजोर नहीं पड़ा, लेकिन..
डॉक्टर स्टुअर्ट के मुताबिक, जब कोरोना की खतरनाक लहर सामने आई है, तब किसी न किसी नए वैरिएंट की वजह से हुआ है। वायरस अपने दुश्मनों से बचने के लिए खुद में लगातार बदलाव करता रहता है। दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ महीनों में कोरोना संक्रमण का कमजोर पड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह हर्ड इम्युनिटी और वैक्सीनेशन है। इसका ये मतलब कतई नहीं है कि वायरस कमजोर पड़ गया है। वायरस कमजोर नहीं हुआ है, बल्कि हमारे शरीर ने उससे लड़ने की ज्यादा ताकत पैदा कर ली है।
इन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक :
कोलंबस की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में वायरस पर अध्ययन करने वाले डॉ. शान-लू लियू के मुताबिक, चीन में ओमिक्रॉन के कई सब-वैरिएंट्स का पता चला है। हालांकि, वहां सबसे ज्यादा संक्रमण BF.7 की वजह से हो रहा है। ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BF.7 के लक्षण अन्य सब-वेरिएंट से काफी मिलते-जुलते हैं। इसमें सर्दी-जुकाम के साथ गले में खराश, बुखार, थकान और दस्त भी शामिल है। इस वायरस को लेकर खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर है। इनमें बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, कैंसर मरीज, शुगर, हार्ट और किडनी वाले मरीज शामिल हैं।
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