2019 से 28 अप्रैल 2022 तक 14 हजार से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों (Bangladeshi Nationals) को बीएसएफ ने बांग्लादेश वापस भेज दिया। 80 फीसदी घुसपैठ दक्षिण बंगाल सीमा से हुई है। इस इलाके की 50 फीसदी सीमा पर बाड़ नहीं है।
नई दिल्ली। भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले 14 हजार से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों (Bangladeshi Nationals) को 2019 से 28 अप्रैल 2022 तक वापस भेजा गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार 9,233 बांग्लादेशियों को भारत में अवैध रूप से रहने के बाद वापस बांग्लादेश भागने की कोशिश के दौरान पकड़ा गया।
1 जनवरी 2019 से 28 अप्रैल 2022 के दौरान पड़ोसी देश से भारत में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए 4,896 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया। इस प्रकार तीन साल में 14,361 बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पार करते हुए पकड़ा गया। दक्षिण बंगाल सीमा से अधिक संख्या में अवैध प्रवासियों ने भारत में प्रवेश करने या बांग्लादेश लौटने की कोशिश की। दक्षिण बंगाल में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा से 11,034 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया।
बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में सीमा पर नहीं है बाड़
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में सीमा पर बाड़ नहीं बना है। इसके साथ ही इस इलाके में नदियां भी हैं। दक्षिण बंगाल की सीमा सुंदरबन से मालदा तक जाती है। बाड़ की कमी और नदियों के चलते इस इलाके से 80 फीसदी घुसपैठ हो रही है।
भारत और बांग्लादेश की सीमा 4,096 किलोमीटर लंबी है। इसमें से दक्षिण बंगाल फ्रंटियर 913.32 किलोमीटर साझा करता है, जिसमें से 50 प्रतिशत से अधिक या तो बिना बाड़ या नदी है। कुछ स्थानों पर तो सीमा पर ही गांव है। इसके चलते सुरक्षा बलों के लिए घुसपैठ का पता लगाना कठिन हो जाता है।
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बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंपे जाते हैं अवैध अप्रवासी
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश की सीमा पर अवैध अप्रवास समस्या से निपटने के लिए हमने सुरक्षा बलों से कहा है कि वे अवैध अप्रवासियों को यह सत्यापित करने के बाद कि क्या वे भारत में किसी आपराधिक गतिविधी में शामिल नहीं थे, सद्भावना के रूप में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दें। उन्हें जेल में डालने का कोई उद्देश्य नहीं है। अवैध रूप से सीमा पार करने वाले ज्यादातर लोग आजीविका की तलाश में आए हैं।
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