पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में गांव के मुखिया से छुड़ाए गए गिरवी रखे राशन कार्ड, गरीबों को मिला उनका असली हक

Published : Apr 10, 2020, 06:07 PM ISTUpdated : Apr 10, 2020, 06:18 PM IST
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में गांव के मुखिया से छुड़ाए गए गिरवी रखे राशन कार्ड, गरीबों को मिला उनका असली हक

सार

झलदा A ब्लॉक के बीडिओ राजकुमार बिस्वास ने रात में ही गांव का दौरा किया और गिरवी रखे राशन कार्ड उनके असली हकदारों को दिलवाए। इसके साथ ही उन्होंने सूदखोरों को उनके किए पर शर्मिंदगी महसूस करवाई 

कोलकाता. पश्चिम बंगाल का पुरुलिया जिला देश के सबसे गरीब इलाकों में से एक है। यहां सरजुमत्तू गांव में कई परिवार लॉकडाउन के चलते खाने के लिए परेशान हो रहे थे। काम काज ठप होने के चलते ये लोग बेरोजगार तो हुए ही थे साथ ही इनके पास राशन खरीदने के लिए पैसे भी नहीं थे। इनके पास राशन कार्ड भी नहीं था। क्योंकि, गांव ने मुखिया ने काफी पहले ही उनका राशन कार्ड गिरवी रख लिया था। 

राज्य सरकार ने गरीब परिवारों के लिए राशन बांटने की पहल तो शुरू की पर राशन कार्ड ना होने के कारण इन लोगों को सरकार से भी मदद नहीं मिल पा रही थी। इस बात की खबर एशियानेट न्यूज बांग्ला ने सबको दी और जल्द ही इस मामले पर कार्रवाई की गई। जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर राशन कार्ड उनके असली हकदारों तक पहुंचा दिए। 

 

 

गांव के लोगों के लिए सबसे कीमती चीज है राशन कार्ड

सरजुमत्तू गांव में रहने वाले अधिकतर लोग डोम समाज से आते हैं। इन लोगों के लिए राशन कार्ड सबसे कीमती चीजों में से एक हैं। घर के किसी सदस्य की शादी हो या कोई बीमार पड़ा हो, ये लोग अपना राशन कार्ड गिरवी रखकर पैसे ले लेते हैं। गिरवी रखे गए कार्ड की संख्या जितनी ज्यादा होती है उतना ज्यादा लोन इन लोगों को मिल जाता है। इस तरीके से 8,000 से लेकर 22,000 तक की राशि उधार ली जा सकती है। पैसे देने वाले लोग इस राशि पर बड़ी मात्रा में ब्याज भी लेते हैं। सुदखोरी का यह गोरख धंधा यहां सालों से चला आ रहा है। 

 

 

बीडिओ ने रातो रात छुड़वाए राशन कार्ड

लॉकडाउन के चलते यहां के लोगों का रोजगार तुरंत खत्म हो गया और हर परिवार के सामने अपना पेट पालने की समस्या आ गई। इसके अलावा इन लोगों के राशन कार्ड भी गिरवी रखे हुए थे। एशियानेट न्यूज बांग्ला इन लोगों के लिए आशा की किरण बन कर सामने आया और बुधवार के दिन यह खबर चैनल पर टेलीकास्ट की गई। जैसे ही यह खबर सभी को पता चली वैसे ही जिला प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की और गरीबों को उनका हक दिलवाया। झलदा A ब्लॉक के बीडिओ राजकुमार बिस्वास ने रात में ही गांव का दौरा किया और गिरवी रखे राशन कार्ड उनके असली हकदारों को दिलवाए। इसके साथ ही उन्होंने सूदखोरों को उनके किए पर शर्मिंदगी महसूस करवाई और एक बोर्ड पर उनके साइन करवाए, जिसमें लिखा था "हम आगे चलकर कभी भी ऐसा काम नहीं करेंगे।" 

बीडिओ राजकुमार बिस्वास ने उन सभी परिवारों को भी बुलाया जिनके राशन कार्ड 9 अप्रैल के दिन 9 गिरवी पाए गए थे। उन्होंने गिरवी रखे गए राशन कार्ड उनके असली परिवारों को लौटा दिए। इसके साथ ही जरूरतमंद परिवारों को लॉकडाउन के बीच 20 किलो राशन भी दिया गया। 

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