तमिलनाडु के शहर सलेम में बच्चों का पेट भरने के लिए प्रेमा ने आखिरी उपाय के तौर पर अपने बाल बेचकर 150 रुपये कमाए। जिससे भूख से तड़प रहे बच्चों का पेट भरा और खुद आत्महत्या करने की निश्चय किया।
मेइलवागनन. देशभर में बहुत से ऐसे परिवार है जो दो वक्त की रोटी के लिए दिन रात मेहनत करते हैं। बावजूद इसके उनके बच्चों का पेट नहीं भर पाता है। इससे जुड़ा एक मामला तमिलनाडु के शहर सलेम से सामने आया है। जहां प्रेमा (31) के सामने उसके तीन भूखे बच्चे खड़े थे और खड़ा था कर्ज का पहाड़ जिससे घबराकर उसके पति ने सात महीने पहले आत्महत्या कर ली थी। बच्चों का पेट भरने के लिए प्रेमा ने आखिरी उपाय के तौर पर अपने बाल बेचकर 150 रुपये कमाए। जिससे भूख से तड़प रहे बच्चों का पेट भरा और खुद आत्महत्या करने की निश्चय किया। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि उसकी जिंदगी बदल गई।
मांगती रही मदद, आगे नहीं आया कोई
पिछले शुक्रवार को विधवा प्रेमा के पास एक पैसा भी नहीं बचा था। अपने पांच, तीन और दो साल के बच्चों को भूख से तड़पते देख प्रेमा ने हर जानने वाले से कुछ पैसे उधार मांगे। लेकिन न पड़ोसियों ने और न ही रिश्तेदारों ने उसे उधार दिया। इसके बाद उसी दौरान एक शख्स वहां से गुजरा, उसने प्रेमा को बताया कि वह विग बनाता है और अगर प्रेमा अपने बाल उसे दे दे तो वह उसे कुछ पैसे दे सकता है। बिना हिचके प्रेमा अपनी झोंपड़ी में गई और अपना सिर मूंडकर 150 रुपये में उस शख्स को बाल बेच दिए। 100 रुपयों से उसने खाना खरीदा इसके बाद 50 रुपयों से वह एक दुकान से जहरीला कीटनाशक खरीदने गई। दुकानदार को उस पर शक हो गया तो उसने जहर बेचने से इनकार कर दिया।
सोशल मीडिया पर मांगी गई मदद
इसके बाद उसने एक पौधे के जहरीले बीज खाने की कोशिश की लेकिन उसकी बहन ने उसे रोक लिया। जब प्रेमा की यह व्यथा ग्राफिक डिजाइनर जी बाला को पता चली तो उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रेमा के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए मदद मांगी।
पति को मिला धोखा तो कर ली आत्महत्या
प्रेमा और उसका पति सेल्वम दिहाड़ी मजदूर के रूप में एक ईंट भट्टे पर काम करते थे। सेल्वम अपना बिजनेस करना चाहता था इसलिए उसने लगभग 2.5 लाख रुपये उधार ले लिए। लेकिन उसे व्यापार में धोखा मिला और पूरा परिवार गरीबी से जूझने लगा, इससे परेशान होकर सेल्वम ने खुदकुशी कर ली। पति की मौत से टूटी प्रेमा को देनदार तंग करने लगे। गरीबी से बच्चों की दुर्दशा देखकर प्रेमा भी अपना जीवन समाप्त करने की सोचने लगी।
...और बदल गई जिंदगी
लेकिन इस घटना के महज एक हफ्ते के भीतर प्रेमा पूरी तरह से बदल चुकी है। जी बाला और समाज के दूसरे उदार लोगों की वजह से प्रेमा के पास लगभग 1.45 लाख रुपये हैं। गुरुवार को सलेम के जिला प्रशासन ने उसकी मासिक विधवा पेंशन भी शुरू कर दी। बाला के दोस्त प्रभु ने भी प्रेमा को अपने ईंट भट्टे में काम दे दिया।
बच्चों को देना चाहती हूं अच्छी शिक्षा
प्रेमा के अंदर इतना आत्मविश्वास आ चुका है कि उसने बाला से कहा कि वह उसकी मदद के लिए फेसबुक पर की गई अपील को हटा दे। प्रेमा का कहना है, 'तमाम लोगों ने जो मेरी मदद की मैं उसकी अहसानमंद हूं। मैं फिर कभी आत्महत्या के बारे में सोचूंगी भी नहीं। मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहती हूं और उन्हें इस गरीबी से निकालना चाहती हूं।'
बाला की कहानी ने भी बढ़ाया हौसला
लोगों की मदद ही नहीं बल्कि बाला की कहानी ने भी प्रेमा में के हिम्मत को बढ़ाया। बाला ने बताया कि बचपन में उनकी मां ने भी गरीबी की वजह से आत्महत्या करने का फैसला किया था लेकिन रिश्तेदारों ने उन्हें बचा लिया। बाला ने कहा, 'मैंने प्रेमा को बताया, अगर मेरी मां उस दिन मर गई होतीं तो आज तुम उनके बेटे की कार में न बैठी होतीं।'