MP में कड़ाके की सर्दी: पारा 5 डिग्री से नीचे…आखिर क्यों अचानक बढ़ गई ठिठुरन?

Published : Nov 18, 2025, 07:20 AM IST
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सार

MP में नवंबर की कड़ाके की ठंड शुरू। भोपाल में तापमान 5.2 डिग्री, 84 साल का रिकॉर्ड टूटा। इंदौर-भोपाल सहित 9 शहरों में स्कूल टाइमिंग बदली। आधे प्रदेश में कोल्ड वेव अलर्ट जारी। कई जिलों में तापमान 5–10 डिग्री के बीच दर्ज।

Cold Wave In MP: मध्य प्रदेश में इस बार ठंड ने नवंबर की शुरुआत में ही लोगों को कंपा दिया है। बर्फीली हवाओं के चलते भोपाल, इंदौर और कई जिलों में रात का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया। राजधानी भोपाल में तो पिछले 84 साल का रिकॉर्ड टूट गया। मौसम विभाग ने आधे प्रदेश में शीतलहर और सीवियर कोल्ड वेव अलर्ट जारी कर दिया है। कई जिलों में स्कूल की टाइमिंग बदलनी पड़ी है, ताकि बच्चों को राहत मिल सके।

5.2 डिग्री तापमान से क्या डर गई राजधानी?

भोपाल में 16-17 नवंबर की रात 5.2°C दर्ज किया गया-जो 1941 के बाद नवंबर की सबसे ठंडी रात है। सुबह घनी धुंध छाई रही और शहर में कड़ाके की ठंड का असर साफ दिखाई दिया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर से लगातार आ रही ठंडी हवाएं तापमान को और नीचे ले जा रही हैं। अगले 48 घंटे का अलर्ट सबसे अहम माना जा रहा है।

कोंड वेव अलर्ट आखिर किन जिलों में जारी हुआ?

मौसम विभाग के मुताबिक भोपाल, इंदौर और राजगढ़ में सीवियर कोल्ड वेव (Orange Alert) लागू है। जबकि धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, हरदा, बैतूल, देवास, सीहोर, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, सागर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, पन्ना, दमोह, जबलपुर, कटनी, मैहर, शहडोल में येलो अलर्ट लागू किया गया है। इन जिलों में रात का तापमान 7–10 डिग्री से भी नीचे जा रहा है।

कौन से शहर बने सबसे ठंडे?

मध्य प्रदेश में इस बार नवंबर की शुरुआत ने ही ठंड का ऐसा रंग दिखाया है, जैसा कई सालों में नहीं देखा गया। भोपाल, इंदौर, राजगढ़ से लेकर जबलपुर और शहडोल तक तापमान 5 से 10 डिग्री के बीच रिकॉर्ड हो रहा है, जिसे मौसम विभाग ने शीतलहर (Cold Wave in MP) की शुरुआत माना है।

रविवार–सोमवार की रात

  • राजगढ़-5.0°C
  • शहडोल (कल्याणपुर)-5.4°C
  • उमरिया-7°C
  • नौगांव-7.3°C
  • बैतूल-8.2°C

दिन में भी बालाघाट के मलाजखंड, सिवनी, सीधी, पचमढ़ी सबसे ठंडे रहे, जहां अधिकतम तापमान 22–25°C के बीच रहा।

क्या सच में MP में नवंबर की सबसे ठंडी रात दर्ज हुई?

हां। भोपाल में इस बार ठंड ने ऐसा प्रहार किया कि नवंबर 1941 में बना 6.1 डिग्री का रिकॉर्ड टूट गया। इस बार पारा गिरकर 5.2 डिग्री तक आ गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि:

  • आसमान साफ रहा
  • उत्तरी हवाएँ तेज रफ्तार से आईं
  • बादलों की कमी से धरती का तापमान तेजी से गिरा
  • इन्हीं कारणों से रात में ठंड चरम पर पहुंच गई।

क्या स्कूल टाइमिंग बदलने का फैसला जरूरी था?

  • ठंड बढ़ने के कारण कई जिलों में स्कूलों का समय बदल दिया गया है।
  • इंदौर में 18 नवंबर से स्कूल सुबह 9 बजे से लगेंगे
  • भोपाल में कक्षा नर्सरी से 8वीं तक सुबह 8:30 बजे से पहले पढ़ाई शुरू नहीं होगी
  • ग्वालियर, देवास, झाबुआ, छिंदवाड़ा और शहडोल में भी टाइमिंग बढ़ा दी गई है
  • कई जगहों पर अभी भी माता-पिता राहत की उम्मीद में हैं, क्योंकि ठंड लगातार बढ़ रही है।

क्या इस बार नवंबर में सर्दी पहले ही हफ्ते से क्यों तेज हो गई?

मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार उत्तर भारत में तापमान गिरने के बाद तेज उत्तरी हवाएँ सीधे मध्य प्रदेश में घुस रही हैं।

इसके साथ-

  • अक्टूबर में ज्यादा बारिश
  • नवंबर में आसमान का लगातार साफ रहना
  • रात में बादलों की पूरी तरह कमी
  • इन सभी कारणों ने मिलकर नवंबर के पहले सप्ताह में ही कड़ाके की ठंड बढ़ा दी है।

क्या आने वाले दिनों में और गिर सकता है पारा?

मौसम विभाग के अनुसार 22 नवंबर से दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में लो-प्रेशर एरिया एक्टिव होगा। उससे पहले MP में तेज शीतलहर जारी रहेगी। कई जिलों में तापमान 4–5 डिग्री तक जा सकता है। अगले दो दिनों के दौरान:

  • कई जिलों में पारा और नीचे जा सकता है
  • सुबह की धुंध घनी होगी
  • कोल्ड वेव की स्थिति बनी रहेगी

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