MUDA Land Scam: सिद्धारमैया के खिलाफ कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक

Published : Aug 19, 2024, 12:42 PM ISTUpdated : Aug 19, 2024, 04:45 PM IST
siddaramaiah

सार

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। उन्होंने MUDA जमीन घोटाला में राज्यपाल द्वारा दिए गए मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती दी है।

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) के खिलाफ कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दिए जाने के खिलाफ उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी।राज्यपाल ने MUDA (Mysuru Urban Development Authority) के जमीन घोटाले में सीएम के खिलाफ केस चलाने की स्वीकृति दी है।

हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई सोमवार दोपहर 2:30 बजे सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी। मुख्यमंत्री की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाने के साथ अगली तिथि 29 अगस्त मुकर्रर की है।

सामाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम, मैसूर की स्नेहामाई कृष्णा और बेंगलुरु के प्रदीप कुमार एसपी ने सीएम के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी थी। अब्राहम ने जुलाई में मंजूरी मांगी थी। इसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

सिद्धारमैया की पत्नी को मुआवजे के रूप में मिली थी जमीन

सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे तभी MUDA से उनकी पत्नी को मुआवजे के रूप में जमीनें मिली थी। इसी मामले को लेकर वह जांच के घेरे में हैं। सीएम की पत्नी के भाई मलिकार्जुन स्वामी देवराज पर जमीन घोटाले में शामिल होने का आरोप है। MUDA के टॉप अधिकारियों के खिलाफ भी आरोप हैं।

सिद्धारमैया के खिलाफ यह मामला सामने आने के बाद कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग चल रही है। भाजपा के नेता सीएम से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, सीएम ने कहा है कि भाजपा राजभवन के जरिए सरकार गिराने की साजिश कर रही है। इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं है।

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क्या है MUDA जमीन घोटाला?

MUDA जमीन घोटाला केसारू गांव में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के स्वामित्व वाली 3.16 एकड़ भूमि पर केंद्रित है। इस जमीन को मुडा ने लेआउट के विकास के लिए अधिग्रहित किया था। पार्वती को 50:50 योजना के तहत मुआवजे के रूप में 2022 में विजयनगर में 14 प्रीमियम साइटें आवंटित की गई थीं। आरोप है कि पार्वती को दी गई जमीन की कीमत उनसे ली गई जमीन की कीमत से बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान हुआ है।

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