Antilia case : 9 अप्रैल तक हिरासत में भेजे गए सचिन वझे, NIA ने परमबीर सिंह से की साढ़े 3 घंटे पूछताछ

महाराष्ट्र में वसूली कांड में भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब अनिल देशमुख पर आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। दरअसल, अस मामले में मुंबई पुलिस के कमिश्नर हेमंत नगराले ने महाराष्ट्र के गृह विभाग को एक रिपोर्ट भेजी है। 5 पेज की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि परमबीर सिंह सचिन वझे को शह दे रहे थे। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 7, 2021 8:53 AM IST / Updated: Apr 07 2021, 04:25 PM IST

मुंबई. महाराष्ट्र में एंटीलिया और मनसुख हिरेन की मौत के मामले में सचिन वझे की एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेशी हुई। स्पेशल कोर्ट ने सचिन वझे को 9 अप्रैल तक NIA की हिरासत में भेज दिया है। इस दौरान सीबीआई भी सचिन वझे से पूछताछ कर सकेगी। वहीं, मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में गिरफ्तार पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट बुकी विनायक शिंदे को भी आज स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले एनआईए ने बुधवार को मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह से करीब साढ़े 3 घंटे पूछताछ की।

 उधर, अनिल देशमुख पर आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। दरअसल, इस मामले में मुंबई पुलिस के कमिश्नर हेमंत नगराले ने महाराष्ट्र के गृह विभाग को एक रिपोर्ट भेजी है। 5 पेज की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि परमबीर सिंह सचिन वझे को शह दे रहे थे।

परमबीर सिंह के कहने पर सचिन वझे की नियुक्ति क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में हुई
कमिश्नर हेमंत नगराले की रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के कहने पर सचिन वझे की नियुक्ति क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में हुई थी। इतना ही नहीं वझे वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर सीधे परमबीर सिंह को रिपोर्ट करता था। इतना ही नहीं रिपोर्ट में फिर से नियुक्ति से लेकर 9 महीने तक की पूरी जानकारी दी गई है। 

8 जून 2020 को हुई सचिन वझे की नियुक्ति
इस रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन वझे की नियुक्ति 8 जून 2020 को मुंबई पुलिस के आर्म्ड फोर्स में की गई। वझे की नियुक्ति को लेकर फैसला तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त, सह पुलिस आयुक्त ( एडमिन) अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और  मंत्रालय डीसीपी ने किया। 

इसी दिन सचिन वझे को मुंबई क्राइम ब्रांच में लेने का आदेश दिया गया। इसके अगले दिन त्कालीन ज्वाइंट सीपी क्राइम ने वझे की पोस्टिंग क्रिमिनल इंटेलिजेंस यूनिट में कराई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्वाइंट कमिश्नर क्राइम ने सचिन वझे की CIU में नियुक्ति का विरोध किया था। लेकिन उच्च अधिकारियों के दबाव में भी उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके अलावा जूनियर होने के बावजूद सचिन को CIU इंचार्ज की पोस्ट दी गई।  
 
मुंबई पुलिस कमिश्नर को करता था रिपोर्ट
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि क्राइम ब्रांच में जांच अधिकारी यूनिट इंचार्ज को रिपोर्ट करता है। इसके बाद दोनों एसीपी को फिर डीसीपी को, एडिशनल सीपी को और फिर ज्वाइंट सीपी को रिपोर्ट करते हैं। लेकिन सचिन वझे इन सबको बाईपास करते हुए सीधे मुंबई पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट करता था। उन्हीं के आदेश पर वह काम करता था। 

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