पर्यटकों से गुलजार हुई पहाड़ों की रानी मसूरी, यहां जाएं तो इन वाटर फाल्स पर भी करें नजरे इनायत

इन दिनों उत्तराखंड के मसूरी में पर्यटकों की खूब आमद हो रही है। यहां केम्पटी फाल पहुंचने वाले पर्यटक यहां की खूबसूरती देखकर आनंद महसूस कर रहे है। 
 

Manoj Kumar | Published : Jun 18, 2022 3:41 PM IST

नई दिल्ली. उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में मसूरी एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। इन दिनों मसूरी के केम्पटी वाटर फाल पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है। गर्मी से निजात पाने और प्रकृति के बीच कुछ समय गुजारने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। वे वाटर फाल की खूबसूरती का तो आनंद ले ही रहे हैं, इसकी तस्वीरें व वीडियो भी कैमरों में कैद कर रहे हैं। यदि आप भी उत्तराखंड के मसूरी हिल स्टेशन जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो इन जगहों पर भी जाना मिस न करें...

केम्पटी वाटर फाल कैसे पहुंचें
केम्पटी वाटर फाल मसूरी से करीब 15 किलोमीटर दूर है। माना जाता है कि अंग्रेजी शासनकाल में अंग्रेज यहां अपनी टी पार्टी आयोजित करते थे। इसके नाम से भी ऐसा ही आभास होता है क्योंकि कैंप का मतलब शिविर और टी का अर्थ चाय होता है। यानी चाय का शिविर, इसलिए वाटरफाल का नाम केम्पटी फाल पड़ गया। यहां करीब 4500 मीटर की उंचाई से गिरता पानी 5 झरनों में विभाजित हो जाता है। फाल के नीचे बने जलकुंड का पानी बेहद ठंडा होता है, जिसमें लोग डुबकी लगाने से नहीं चूकते हैं। 

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झारीपाना व भट्टा झरने
मसूरी में ही झारीपाना नाम का वाटर फाल है जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। वहीं मसूरी से करीब 7 किलोमीटर दूर भट्टा गांव हैं, जहां भट्टा झरना लोगों को आकर्षित करता है। शहर की भागमभाग से दूर यह बेहद शांत जगह है, जहां कुछ पल गुजारना नया अनुभव दे सकता है। यहां पर रेप्लिंग आदि का भी लुत्फ उठाया जा सकता है। कैंप करने, पिकनिक करने के लिए भी इस जगह पर काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। 

सहस्त्रधारा को नहीं देखा तो क्या देखा
उत्तराखंड में ही देहरादून से करीब 11 किलोमीटर की दूरी पर सहस्त्रधारा झरना है। सहस्त्रधारा का शाब्दिक अर्थ हजार धारा है। यह खूबसूरत झरना करीब 9 मीटर गहरा है। यहां बाल्दी नदी बहती है। नदी और उसके आसपास स्थित गुफाएं लोगों को खूब आकर्षित करती हैं। कहा जाता है कि यहां के पानी में गंधक मिला होता है। जिससे कई तरह के चर्म रोग भी ठीक हो जाते हैं। गंधक की वजह से इसके पानी में औषधीय गुण पाए जाते हैं। 

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