रोडरेज केस में 10 महीने की सजा काटने के बाद पंजाब के कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू जेल से रिहा हो रहे हैं। इससे पहले उनके बेटे करन सिद्धू ने कहा कि मेरे पिता पूरी तरह से बदल गए हैं।
Karana Sidhu Statement. 34 साल पुराने रोडरेज केस में 10 महीने की सजा काटने के बाद पंजाब के कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल से रिहा हो रहे हैं। इससे पहले उनके बेटे करन सिद्धू ने कहा कि मेरे पिता पूरी तरह से बदल गए हैं। करन ने कहा कि मुलाकात के दौरान कहा था कि वे और मजबूत होकर बाहर निकलेंगे। करन सिद्धू ने यह भी कहा कि मेरे पिता बदल गए हैं क्योंकि उन्हें अपने लिए ज्यादा वक्त मिला है। उन्हें मेडिटेशन करने का पूरा वक्त मिला। मेरी मां और मेरे पिता अब बेहतर समय बिताने वाले हैं।
जेल के बाहर जुटे समर्थक
कांग्रेस पार्टी के कई नेता और समर्थक पटियाला जेल के बाहर अपने नेता का स्वागत करने के लिए पहुंचे। कांग्रेस नेता ने कहा कि नवजोत सिद्धू की रिहाई हमारे लिए किसी त्योहार की तरह से है। 34 साल पुराने रोड रेज मामले में पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई थी। क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब कांग्रेस के प्रमुख बनाए गए थे।
पीड़ित की याचिका पर फैसला
नवजोत सिंह सिद्धू को यह सजा उस पीड़ित परिवार की लड़ाई की वजह से था, जिनके परिवार के एक सदस्य की मौत हो गई थी। तब नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त की वजह से रोड रेज में वह व्यक्ति मारा गया था। पहले सिद्धू को हत्या के आरोप से बरी कर दिया था जिसके बाद 2018 में परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटीशन दायर की थी।
क्या था पूरा मामला
27 दिसंबर 1988 को नवजोत सिंह सिद्धू का झगड़ा 65 साल के एक गनमैन से हुई, जो कि पटियाला का रहने वाला था। पार्किंग स्लाट के लिए हुई इस बहस के बाद सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू ने उस व्यक्ति के साथ मारपीट की थी, जिसकी कुछ ही समय के बाद मौत हो गई। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू पर व्यक्ति को चोट पहुंचाने के लिए 1000 रुपए का जुर्माना लगाया था। बाद में कोर्ट ने अपने ही ऑर्डर को रिव्यू किया मौत को गंभीरता से लेते हुए सिद्धू को जेल की सजा सुनाई।
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