पहली बार रुपए में होगा फॉरेन ट्रेड: भारत-मलेशिया के बीच बड़ा समझौता, भारतीय करेंसी में दोनों देशों के बीच व्यापार संभव

Published : Apr 01, 2023, 04:08 PM IST
rupees

सार

भारत और मलेशिया (India-Malaysia Trade) के बीच हुए ट्रेड समझौते में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारतीय रुपए में फॉरेन ट्रेड हो सकेगा। दोनों देशों के बीच हुए व्यापार समझौते ने इंडियन करेंसी को बड़ी अहमियत मिली है। 

India-Malaysia Trade In Rupee. भारत और मलेशिया के बीच हुए ट्रेड समझौते में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारतीय रुपए में फॉरेन ट्रेड हो सकेगा। दोनों देशों के बीच हुए व्यापार समझौते ने इंडियन करेंसी को बड़ी अहमियत मिली है। भारत मलेशिया के बीच व्यापार समझौते के बाद अब भारतीय रुपये में ट्रेड संभव हो पाया है। इस फैसले के बाद भारतीय करेंसी के इंटरनेशनलाइजेश का रास्ता साफ हो गया है।

आरबीआई की पहल

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जुलाई 2022 में विदेशी व्यापार में भारतीय रुपए के उपयोग की पहल की थी। आरबीआई की इस पहल के बाद ही भारतीय रुपए में इंटरनेशनल ट्रेड का रास्ता साफ हुआ है। आरबीआई की इस पहल के बाद भारतीय रुपए में ग्लोबल ट्रेड होगा जिससे भारतीय रुपए को बड़ी मजबूती मिलेगी। जानकारी के लिए बता दें कि मलेशिया से पाम ऑयल का आयात करने वाला भारत प्रमुख देश है। भारत के घरेलू बाजार में एडिबल ऑयल की सबसे ज्यादा खपत होती है।

मलेशियाई बैंक के साथ समझौता

क्वालालांपुर स्थित इंडिया इंटरनेशनल बैंक ऑफ मलेशिया ने यह पूरा मैकेनिज्म बनाया है जिसमें स्पेशल रुपी वोस्त्रो अकाउंट खोलने की सुविधा दी गई है, यह अकाउंट भारत के कॉरेपांडिंग बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में खोले जा सकेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में इस बात की जानकारी दी है। पूरी डिटेल इंडिया इंटरनेशनल बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

भारत ने बनाई नई फॉरेन ट्रेड पॉलिसी

भारत ने शुक्रवार को न्यू फॉरेन ट्रेड पॉलिसी 2023 की शुरूआत की है। यह भारत के एक्सपोर्ट को 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के पार ले जाने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए तैयार की गई है। साथ ही इस पॉलिसी का उद्देश्य यह है कि भारतीय करेंसी में इंटरनेशनल ट्रेड को बढ़ावा दिया जा सके। भारत सरकार यह कोशिश कर रही है कि रुपए को इंटरनेशनल करेंसी बनाया जाए। यह मैकेनिज्म सरकार के इस उद्देश्य की पूर्ति करने में सहायक होगा।

कैसे करेंसी बनती है इंटरनेशनल

जब किसी करेंसी में ज्यादा से ज्यादा विदेशी व्यापार संभव होने लगता है तो वह करेंसी इंटनेशनल करेंसी बन जाती है। इसलिए भारत की कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ इंडियन करेंसी में व्यापार कर सके। भारत कई देशों के साथ भारतीय रुपए में व्यापार के समझौते कर रहा है।

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