मणिपुर तीन महीना से अधिक समय से हिंसा की आग में झुलस रहा है। यहां डेढ़ सौ से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
Nagaland ammunitions used in Manipur violence: मणिपुर हिंसा में नागालैंड के पुलिस शस्त्रागार के हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। नागालैंड पुलिस के शस्त्रागार से हथियार चुराकर मणिपुर में हिंसा करने वालों तक पहुंचाने के आरोप में एक पुलिस इंस्पेक्टर सहित आधा दर्जन लोगों को अरेस्ट किया गया है। मणिपुर तीन महीना से अधिक समय से हिंसा की आग में झुलस रहा है। यहां डेढ़ सौ से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
नागालैंड पुलिस के शस्त्रागार से हजारों राउंड गोला बारूद के अलावा दर्जनों राइफल चोरी
नागालैंड पुलिस के शस्त्रागार से हजारों हथियार चोरी किए गए हैं। इंसास ऑटोमेटिक राइफल्स, सेल्फ लोडिंग राइफल्स को आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर की मदद से चोरी किया जाता था। इस गिरोह में काफी लोग शामिल रहे। ये लोग राइफल्स के अलावा हजारों राउंड गोला-बारूद चुराते थे। चू-मौ-केडिया में एक केंद्रीय भंडार से गोला-बारूद की चोरी की जा रही थी।
सवा चार लाख रुपये मिले थे पुलिस इंस्पेक्टर को चोरी के बदले
नागालैंड के आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर माइकल यानथन को गोला-बारूद के लिए कथित तौर पर ₹ 4.25 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। आरोपी इंस्पेक्टर माइकल यानथन, स्टोर प्रभारी था। उसने व्यक्ति रूप से चार नागरिकों और एक हथियारधारी के साथ मिलकर हथियार निकाले और उसे मणिपुर हिंसा में डिमांड के आधार पर भेजा। हालांकि, नागालैंड डीजीपी रूपिन शर्मा ने बताया कि साजिश का कोई एंगल नहीं मिला है। पुलिस स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रही है और मनी ट्रेल का पता लगा लिया है। पकड़े गए हथियारों को मणिपुर में लोगों को बेचा जाना था।
दरअसल, पुलिस को 9 जुलाई को एक गुप्त सूचना मिली थी। अगले ही दिन एक कार से 2,500 राउंड जिंदा गोला बारूद जब्त करने और दो लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता मिल गई। इसके बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई तो सशस्त्र विद्रोही समूह के एक नेता, एक अन्य बिचौलिए और नागालैंड पुलिस इंस्पेक्टर की संलिप्तता सामने आई।
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