14 ग्रामीणों के एनकाउंटर केस में बड़ी कार्रवाई, अफसर सहित 30 जवानों की होगी गिरफ्तारी, MHA के आदेश का इंतजार

पिकअप गाड़ी में बैठकर घर लौट रहे मजदूरों पर पैरा मिलिट्री फोर्सस के जवानों ने तस्कर समझकर फॉयरिंग कर दी थी जिसमें 14 ग्रामीण मारे गए थे। गुस्साई भीड़ ने एक सिपाही को मार डाला था। 

Dheerendra Gopal | Published : Jun 11, 2022 12:56 PM IST / Updated: Jun 11 2022, 06:28 PM IST

गुवाहाटी। नागालैंड (Nagaland) में पिछले साल पिकअप पर सेना के विशेष बलों की फायरिंग में मारे गए 14 नागरिकों के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। नागालैंड पुलिस ने कोर्ट में आर्मी स्पेशल फोर्सेस के तीस जवानों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा कि उनके विशेष जांच दल या एसआईटी ने आरोपपत्र अदालत को सौंप दिया है, इसमें एक सेना अधिकारी और 29 जवानों के नाम हैं।

जवानों ने नियमों का पालन तक नहीं किया

एसआईटी ने आरोप लगाया कि सैनिकों ने स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रॉसेस (Standard Operation Process) यानी SOP, रूल्स ऑफ एंगेजमेंट (Rules of engagement) तक का पालन नहीं किया। एसआईटी की जांच ने संकेत दिया कि 21 पैरा स्पेशल फोर्स के सैनिकों ने घात के दौरान एसओपी का पालन नहीं किया। बीते साल 4 दिसंबर की रात में एक पिकअप ट्रक में कुछ ग्रामीण घर लौट रहे थे। स्पेशल फोर्सेस को लगा कि ट्रक में राइफल लिए लोग हैं। नागालैंड के मोन जिले (Mon) के तिरु-ओटिंग रोड (Tiru-oting road) पर आ रहे इस ट्रक को देखकर सुरक्षा बलों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी। 4 दिसंबर 2021 को हुई घटना के बाद गुस्साएं ग्रामीणों के हमले में एक सिपाही की भी मौत हो गई थी।

नागालैंड सरकार ने केंद्र से कार्रवाई की इजाजत मांगी

नागालैंड सरकार ने केंद्र से चार्जशीट में नामजद जवानों के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत मांगी है। राज्य पुलिस ने भी रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजकर कार्रवाई की मंजूरी मांगी है।
नागालैंड का एक बड़ा हिस्सा सशस्त्र बल (विशेष) शक्ति अधिनियम, या AFSPA के तहत है। इन क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों को केंद्र की मंजूरी के बिना कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। 

सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू किया

सेना की एक अलग टीम, जो सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का हिस्सा है, भी घटना की जांच कर रही है। एक मेजर जनरल के नेतृत्व में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी टीम ने पहले ही ओटिंग गांव का दौरा किया था और घटना की परिस्थितियों को समझने के लिए साइट का निरीक्षण किया था।

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