केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि जिन लोगों के आधार कार्ड मतदाता पहचान पत्र से लिंक नहीं हैं उनका नाम वोटर लिस्ट से नहीं कटेगा। चुनाव पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ना स्वैच्छिक है।
नई दिल्ली। जिन लोगों के मतदाता पहचान पत्र उनके आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनका नाम वोटर लिस्ट से नहीं कटेगा। केंद्र सरकार ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। सरकार ने कहा कि चुनाव पहचान पत्र से जोड़ने के लिए अपना आधार नंबर शेयर नहीं करने वाले लोगों का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। चुनाव पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ना स्वैच्छिक है।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि चुनाव कानून (संशोधन), अधिनियम 2021, चुनावी पंजीकरण अधिकारियों को स्वैच्छिक आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है। आधार को मतदाता सूची से जोड़ने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 1 अगस्त से स्वैच्छिक आधार पर मौजूदा और भावी मतदाताओं की आधार संख्या एकत्र करने के लिए कार्यक्रम शुरू किया है। आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना स्वैच्छिक है।
नहीं कटेगा वोटर लिस्ट से नाम
यह पूछे जाने पर कि क्या जिन मतदाताओं का वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं है उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया जाएगा। मंत्री ने जवाब दिया कि ऐसा नहीं होगा। उन्होंने गुरुवार को राज्यसभा में बताया था कि लगभग 95 करोड़ मतदाताओं में से 54 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने आधार कार्ड को वोटर लिस्ट से जोड़ने का विकल्प चुना है।
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गौरतलब है कि चुनाव आयोग UlDAl (Unique Identification Authority of India) द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करता है और अपने डेटाबेस में आधार नंबर को स्टोर नहीं करता है। आधार नंबर का इस्तेमाल केवल पहचान प्रमाणित करने के लिए किया जाता है। चुनाव आयोग यूआईडीएआई के आधार डेटाबेस से कोई व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त नहीं करता है।
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