PM Modi Interview: 2014 में उम्मीद, 2019 में विश्वास और 2024 में गारंटी

PM मोदी ने हाल ही में Asianet News को इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा- लोगों ने बड़े निकट से हमारी सरकार के कामों को देखा। 2014 में उम्मीद का वातावरण था, 2019 में ये विश्वास में बदला। 2024 में मैं जनता के बीच10 साल के कामों की गारंटी लेकर गया हूं। 

Ganesh Mishra | Published : Apr 20, 2024 6:36 PM IST / Updated: Apr 25 2024, 12:35 PM IST

लोकसभा चुनाव-2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने 10 साल के कामकाज को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान राजेश कालरा, एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, एशियानेक्स्ट डिजिटल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अजीत हनमक्कानवार, एडिटर एशियानेट सुवर्णा न्यूज और सिंधु सूर्यकुमार, एग्जीक्यूटिव एडिटर, एशियानेट न्यूज ने देश के हर बड़े मुद्दे से जुड़े सवाल किए, जिनका पीएम ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा- मेरे लिए सरकार चलाने का मतलब शासन नहीं, सेवा करना है।

पीएम बोले- दल कोई भी हो, देश सेवा का जज्बा जरूरी

बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा- लोकतंत्र में हर एक राजनीतिक दल में ये एस्पिरेशन (आकांक्षा) होना चाहिए कि हम चुनाव लड़ें, लोगों का विश्वास जीतें और सत्ता में आकर हमारे जो उसूल हैं, सपने हैं उन्हें लागू करने का प्रयास करें। किसी भी राजनीतिक दल में अगर ये महत्वाकांक्षा ही नहीं है, तब तो फिर लोकतंत्र के लिए ही ठीक नहीं है। लोकतंत्र की आवश्यकता है कि सभी राजनीतिक दलों के मन में ये भाव रहना चाहिए कि कभी न कभी सत्ता में आकर अपने विचारों के आधार पर देश की सेवा करेंगे। ये लोकतंत्र की आवश्यकता होती है।

कांग्रेस ने मौका गवां दिया और चीजें बिगड़ती चली गईं..

पीएम मोदी ने कहा- जहां तक बीजेपी का सवाल है, तो 2014 में जब हम आए थे, उससे पहले कांग्रेस को 5-6 दशक तक राज करने का अवसर मिला और उनके लिए तो विपक्ष जैसा कुछ था ही नहीं। इतना मीडिया भी नहीं था और ना ही मीडिया में इतनी वाइब्रेंसी थी। यानी उनके लिए एक तरह से खुला मैदान था और देश भी उनके साथ था। क्योंकि आजादी के आंदोलन के बाद जो भाव थे, वो जो चाहते देश कर लेता। लेकिन उन्होंने वो मौका गंवा दिया और धीरे-धीरे चीजें बिगड़ती चली गईं।

मेरे लिए सत्ता का मतलब शासन नहीं सेवा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगे कहा- उन हालातों में 2013 में मुझे ये कहा गया कि इस आदमी को हिंदुस्तान का क्या पता है, इसे दुनिया के बारे में क्या पता है। ये सारे नकारात्मक मुद्दे होने के बावजूद भी लोगों ने हमें सेवा का मौका दिया। मैं कह सकता हूं कि 2014 वो उम्मीद का कालखंड था। लोगों के दिल में भी उम्मीद थी और मेरे मन में भी उम्मीद थी कि हम उनकी उम्मीदों को पूरा करेंगे। मेरे लिए सरकार चलाने का मतलब शासन नहीं, सेवा करना है।

2014 उम्मीद, 2019 विश्वास और 2024 गारंटी

पीएम मोदी ने आगे कहा- मैं लोगों के लिए एक सामान्य नागरिक से भी ज्यादा मेहनत करने का प्रयास करता हूं। लोगों ने बड़े निकट से हमारी सरकार के कामों को देखा। 2014 में उम्मीद का वातावरण था, 2019 में ये एक तरह से विश्वास में बदल गया। जनसामान्य का इतना विश्वास, उसने मेरे भीतर एक नया आत्मविश्वास भर दिया। मुझे लगा कि हम सही दिशा में हैं। हम सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का जो मंत्र लेकर चले हैं, उसे जमीन पर उतार पाए हैं। इसका परिणाम ये हुआ कि 2019 एक विश्वास का कालखंड रहा और आज जब मैं 2024 में देशवासियों के पास गया हूं, तो मेरा 13-14 साल तक एक राज्य के मुख्यमंत्री के नाते अनुभव, 10 साल का प्रधानमंत्री के नाते अनुभव और इस दौरान किए गए कामों के आधार पर मैं कह सकता हूं कि मैं इस बार गारंटी लेकर गया हूं। यानी पहले उम्मीद, फिर विश्वास और अब गारंटी। और जब गारंटी होती है ना तो बहुत बड़ी जिम्मेवारी होती है।

ये चुनाव मोदी या बीजेपी नहीं, देश की जनता लड़ रही

प्रधानमंत्री ने आगे कहा- मुझे लगता है कि आज दुनिया में भारत के प्रति एक भरोसा बना है। आखिर दुनिया ने 30 सालों तक भारत में अस्थिर सरकारों को देखा है। अस्थिर सरकारों ने देश का बहुत नुकसान किया। इसके चलते विश्व के सामने भारत की कोई वैल्यू ही नहीं थी। लेकिन स्थिर सरकार क्या कर सकती है वो देश के मतदाताओं ने देखा है। इसलिए मुझे लगता है कि 2024 ये चुनाव मोदी नहीं लड़ रहा है। बीजेपी नहीं लड़ रही है। देश की जनता का इनीशिएटिव है। देश की जनता 10 साल के अनुभव के आधार पर निर्णय कर चुकी है और इसलिए इस चुनाव का उस अर्थ में बहुत महत्व है।

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