PM Modi Interview: VIP कल्चर पर मोदी का तगड़ा एक्शन, बताया-कैसे कर रहे खत्म

PM मोदी ने हाल ही में Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने VIP कल्चर पर बात करते हुए कहा-अंग्रेजों के जाने के बाद ही इसे खत्म होना चाहिए था, लेकिन नेताओं ने इसे बनाए रखा।

Ganesh Mishra | Published : Apr 25, 2024 1:31 PM IST / Updated: Apr 26 2024, 11:29 AM IST

लोकसभा चुनाव-2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे ज्यादा किसी चीज पर जोर दे रहे हैं तो वो है 'मोदी की गारंटी'। अपने 10 साल के कामकाज को लेकर वो जनता के बीच जा रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान राजेश कालरा, एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, एशियानेक्स्ट डिजिटल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अजीत हनमक्कानवार, एडिटर एशियानेट सुवर्णा न्यूज और सिंधु सूर्यकुमार, एग्जीक्यूटिव एडिटर, एशियानेट न्यूज ने देश के हर बड़े मुद्दे से जुड़े सवाल किए, जिनका पीएम ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया।

अंग्रेजों के जाने के बाद ही खत्म होना था VIP कल्चर, लेकिन…
VIP कल्चर पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा- ये बहुत ही चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है, क्योंकि जहां तक मेरी जानकारी है, ये वीआईपी कल्चर का ऑरिजिन कोलोनियल काल (अंग्रेजों के समय) से जुड़ता है। एक के लिए अलग कानून, सामान्य जनता के लिए दूसरा कानून। उनका रहन-सहन बाकियों से अलग। अंग्रेजों के जाने के बाद ये सब खत्म होना चाहिए था, लेकिन नहीं गया। हमारे नेताओं ने उसको जारी रखा। जब मैं आया तो मैंने पहला काम किया-नो लाल बत्ती। मैं जब गुजरात में था तो सभी मंत्रियों के लिए नियम था कि कोई सायरन नहीं बजाएगा। कौन हम इतने बड़े बादशाह हैं कि सायरन बजाकर चलेंगे।

मेरे लिए VIP नहीं EPI
PM मोदी ने आगे कहा- मैं मानता हूं कि मेरे लिए VIP नहीं EPI है। इससे मेरा मतलब एवरी पर्सन इज इम्पॉर्टेंट। लाल बत्ती से लेकर दूसरे वीआईपी कल्चर खत्म करने का मेरा प्रयास रहा है। अब कोई चाहे कि देश के राष्ट्रपति ऐसे ही फुटपाथ पर निकल जाएं तो ये तो संभव नहीं है, लेकिन हमारी कोशिश काफी हद तक इस कल्चर को खत्म करने की है। अब जैसे कोरोना में वैक्सीनेशन हुआ, जीवन-मरण का सवाल था। मैं भी वैक्सीन ले सकता था, लेकिन मैंने तय किया कि नियमों के मुताबिक, जब मेरा नंबर आएगा मैं उसी दिन जाऊंगा और मैंने तब तक वैक्सीन नहीं ली थी। मेरी माताजी 100 साल की हुईं, उनका स्वर्गवास सरकारी अस्पताल में हुआ और अंत्येष्टि भी सरकारी श्मशान में हुई। जितना संभव होता है, मैं वीआईपी कल्चर को इग्नोर करता हूं।

मेहनत-मजदूरी करने वाले बनते हैं हमारे गेस्ट
PM ने आगे कहा- अब जैसे रिपब्लिक डे परेड पर हमारे अतिथि कौन होते हैं। ये जिन्होंने सेंट्रल विस्टा बनाया है, इन्हें मैंने स्पेशल गेस्ट बनाया था। मैं यूनिवर्सिटी में जब भी कन्वोकेशन के लिए जाता हूं तो उनसे कह देता हूं कि पहली 50 सीट मेरे गेस्ट के लिए चाहिए। इसके बाद उस यूनिवर्सिटी के नजदीक जो झुग्गी-झोपड़ी होती है, वहां जो स्कूल होते हैं, उन बच्चों को मैं कन्वोकेशन में बैठाता हूं। उस समय उन बच्चों के दिमाग में होता है कि मैं भी इस तरह की ड्रेस पहनकर डिग्री लूंगा।

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