ED, राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बयानों की दोबारा जांच कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार तीसरे पक्ष और नेशनल हेराल्ड से जुड़ी संस्थाओं के बीच हवाला लेनदेन (Hawala transactions) किया गया है।
National Herald case: ईडी (ED) को नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में हवाला लेन देन के सबूत मिले हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार तीसरे पक्ष और नेशनल हेराल्ड से जुड़ी संस्थाओं के बीच हवाला लेनदेन (Hawala transactions) किया गया है। यंग इंडियन कैंपस में रेड को पूरी करने के बाद ईडी नेशनल हेराल्ड मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकती है। ED ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड के दफ्तर सहित 12 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच ईडी कर रही है। इस मामले में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ की है।
मुंबई और कोलकाता से हवाला लेनदेन
रेड के दौरान, जांच एजेंसी ने दस्तावेजी सबूत बरामद किए, जो मुंबई और कोलकाता के हवाला ऑपरेटरों से हवाला लेनदेन को दर्शाता है। ईडी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बयानों की दोबारा जांच कर रहा है। ईडी सोनिया गांधी और राहुल के इस दावे से सहमत नहीं है कि एजेएल और यंग इंडियन के संबंध में सभी वित्तीय निर्णय मोती लाल वोरा द्वारा किए गए थे। साथ ही, ईडी सोनिया और राहुल गांधी के इस स्पष्टीकरण से सहमत नहीं है कि उन्हें यंग इंडियन से इसकी धारा 25 कंपनी की अधिनियम फर्म के रूप में मौद्रिक लाभ नहीं मिला।
ईडी ने यंग इंडिया ऑफिस किया सील
नेशनल हेराल्ड केस की जांच कर रही ईडी (Enforcement Directorate) ने यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस को मंगलवार को सील कर दिया था। यह ऑफिस नेशनल हेराल्ड के ऑफिस में है। ईडी ने यह ऑफिस अस्थायी रूप से सील किया है क्योंकि सर्च करने पहुंची जांच एजेंसी की मदद के लिए वहां यंग इंडिया का कोई व्यक्ति बुलाने के बाद भी नहीं आया। ईडी ने ऑफिस की तलाशी के लिए यंग इंडिया के प्रधान अधिकारी मल्लिकार्जुन खड़गे को समन भेजा था। तलाशी के लिए टीम पहुंची तो खड़गे आए, लेकिन तलाशी से पहले ही चले गए।
क्या नेशनल हेराल्ड मामला?
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में पिटीशन दायर कर आरोप लगाया था कि राहुल-सोनिया गांधी सहित कुछ अन्य नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का टेकओवर किया। ये सब दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था। कांग्रेस ने 1938 में एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नामक कंपनी बनाई थी। यही कंपनी नेशनल हेराल्ड अखबार पब्लिश करती थी। 26 फरवरी 2011 को AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज बताया गया था। इसे उतारने के लिए यंग इंडिया लिमिटेड नाम से एक नई कंपनी खड़ी की गई। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% बताई जाती है। यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए थे। जांच में पता चला है कि इसमें पैसों का हेरफेर हुआ। ED इसी मामले की जांच कर रही है।
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