बेंगलुरु कैफे बलास्ट से जुड़े आतंकी संगठन ISIS के हाथ, NIA की टीम ने चेन्नई से पकड़े 5 लोग

बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे बलास्ट के तार आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हैं। इसी के चलते मंगलवार को आईएनए की टीम ने बेंगलुरु सहित 7 राज्यों में छापेमार कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि इस मामले में चेन्नई से 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

subodh kumar | Published : Mar 5, 2024 4:09 AM IST / Updated: Mar 05 2024, 12:48 PM IST

बेंगलुरू. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी एनआईए द्वारा मंगलवार अलसुबह बेंगलुरु सहित 7 राज्यों में एक साथ रेड मारी है। दरअसल ये छापेमार कार्रवाई रेड कैफे बलास्ट सिलसिले में की गई है। जिसके तहत एनआईए की टीम ने एक साथ 17 अलग अलग स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया शुरू किया है।

चेन्नई से 5 लोगों को हिरासत में लिया

1 मार्च को कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित रामेश्वरम कैफे में बलास्ट के तार आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े होने के कारण मंगलवार को एनआईए ने 7 राज्यों में 17 से अधिक स्थानों पर छापेमार कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि एनआईए ने इस मामले में चेन्नई के सिद्दरपेट और बिडयार से 5 लोगों को भी हिरासत में लिया है। इस मामले में जुनैद को कैफे ब्लास्ट का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। इस कारण एनआईए की टीम बेंगलुरु सेंट्रल जेल भी गई थी।

जेल में बंद कैदियों को बना रहे कट्टरपंथी

जानकारी के अनुसार जेल में बंद कैदियों को कट्टरपंथी बनाने के मामले में एनआईए द्वारा मंगलवार को अलसुबह कर्नाटक के बेंगलुरु सहित 7 राज्यों में छापेमार कार्रवाई की गई है। जिसके तहत एक साथ 17 स्थानों पर सर्च आपरेशन चल रह है। बताया जा रहा है कि बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी टी नजीर हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जेल में बंद कैदियों को कट्टरपंथी बना रहा था।

हथियार और गोला बारूद किए थे जब्त

आपको बतादें कि इस मामले में अक्टूबर में बेंगलुरु सिटी पुलिस द्वारा 7 पिस्तौल, 4 हथगोले, 1 मैगजीन, 45 लाइव राउंड और चार वॉकी-टॉकी की जब्त किए गए थे। जिसके बाद भी दर्ज किया गया था।

लश्कर ए तैयबा के सदस्य जेल में बंद

इस मामले में एनआईए ने पहले मोहम्मद फैसल रब्बानी,मोहम्मद उमर, तनवीर अहमद, मोहम्मद फारूक सहित फरार जुनैद के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी। जिसमें इनके ठिकानों से एनआई की टीम को डिजिटल डिवाइस सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज और 7.3 लाख रुपये कैश भी मिले थे। जिन्हें जब्त कर लिया गया था। इस मामले में खुलासा हुआ था कि जेल में बंद उमर, रब्बानी, अहमद, फारूक और जुनैद सेंट्रल जेल, परप्पाना अग्रहारा बेंगलुरु में जेल में बंद होने के बावजूद भी लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य और आजीवन कैद की सजा काट रहे टी नजीर के संपर्क में आए थे। वही जेल में बंद कैदियों को कट्टरपंथी बनाकर आतंकवादी घटनाओं को अजांम देता है।

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अहमद और नजीर के इशारे पर आतंकवाद

जानकारी के अनुसार सेंट्रल जेल से बाहर निकलने के बाद सभी आदतन अपराधियों ने अहमद और नजीर के इशारे पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रची थी। इस मामले में जुनैद जो कि 2021 में लाल चंदन की लकड़ी की तस्करी के मामले में फरार था। उसने हथियार इकट्ठा करने के लिए दूसरों को धन भी मुहैया कराया और गोला बारूद को रखा था।

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