इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में मौजूद इंसान द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा ढांचा है। यह 25 साल से धरती के चक्कर लगा रहा है। यहां अब तक 270 से अधिक लोग गए हैं। आइए जानते हैं अंतरिक्ष स्टेशन के बारे में सभी जरूरी बातें।
नेशनल डेस्क। आज नेशनल स्पेस डे (National Space Day 2024) है। अंतरिक्ष की बात हो तो मन में ISS (International Space Station) के बारे में कई सवाल उठने लगते हैं। आइए इसके बारे में सभी जरूरी बातें जानते हैं।
क्या है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन एक मल्टी नेशनल निर्माण परियोजना है। यह अंतरिक्ष में इंसान द्वारा अब तक स्थापित किया गया सबसे बड़ा सिंगल स्ट्रक्चर है। इसका मुख्य निर्माण 1998 से 2011 के बीच हुआ है। ISS 25 साल से अंतरिक्ष में रहकर धरती के चक्कर लगा रहा है। यहां अब तक 270 से अधिक अंतरिक्ष यात्री गए हैं।
ISS किसी एक देश का नहीं है। यूरोप, अमेरिका, रूस, कनाडा और जापान ने इसे मिलकर बनाया है। सभी देश मिलकर इसे ऑपरेट करते हैं। ISS चलाने पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा हर साल करीब 3 बिलियन डॉलर खर्च करती है।
कब तक काम करेगा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन?
वर्तमान योजना के अनुसार अंतरिक्ष स्टेशन को कम से कम 2024 तक चलाना है। इसके कार्यकाल के विस्तार पर चर्चा चल रही है। नासा चाहता है कि इसे 2030 तक चलाया जाए। वहीं, रूस ने कहा है कि वह 2024 के बाद अलग हो जाएगा ताकि अपना स्पेस स्टेशन बनाने पर ध्यान दे सके। उसकी कोशिश 2028 तक अपना स्पेस स्टेशन तैयार करने की है। रूस के अलग होने के बाद स्पेस स्टेशन कैसे चलेगा यह अभी तय नहीं है।
स्पेस स्टेशन में इंसान के रहने के लिए कितनी जगह है?
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की लम्बाई 356 फीट और वजन 419,725kg है। इसके सोलर पैनल एक एकड़ में फैले हैं। क्रू सदस्यों (स्पेस स्टेशन में रहने वाले लोग) के लिए 13,696 क्यूबिक फीट रहने योग्य जगह है। इसमें सात स्लीपिंग क्वार्टर हैं। यहां दो बाथरूम, एक जिम और कपोला है। कपोला से धरती का 360-डिग्री-व्यू मिलता है।
अंतरिक्ष स्टेशन में कैसे सोते हैं लोग?
ISS के बेडरूम में आम तौर पर छोटे बंक बेड होते हैं। अंतरिक्ष यात्री अपनी पसंद के अनुसार खुद को दीवार से बांध लेते हैं या खुद को छोटी जगह में स्वतंत्र रूप से तैरने देते हैं। कुछ दिनों के लिए अस्थायी रूप से आने वाले चालक दल अपने अंतरिक्ष यान में या स्टेशन में खाली जगह पर सो सकते हैं। उन्हें खुद को अंतरिक्ष में बांधकर रखना होता है।
धरती से कितनी ऊंचाई पर है ISS?
अंतरिक्ष स्टेशन धरती से 370-460km की ऊंचाई पर है। यह धरती की परिक्रमा करता है। वायुमंडलीय घर्षण के कारण यह लगातार पृथ्वी की ओर गिरता रहता है। समय-समय पर रॉकेट इंजन स्टार्ट कर इसकी ऊंचाई बढ़ाई जाती है। ऐसा नहीं करने पर यह गिर जाएगा।
कितनी तेजी से धरती के चक्कर लगाता है ISS?
ISS हर 90 मिनट में धरती के चक्कर लगाता है। इसकी रफ्तार करीब 28,000 km/h है। एक दिन में अंतरिक्ष स्टेशन इतनी दूरी तय करता कि धरती से चांद पर जाकर लौट आए।
अंतरिक्ष यात्री ISS तक कैसे पहुंचते हैं?
आमतौर पर ISS के अंदर रहने और काम करने वाले सात लोगों का एक अंतरराष्ट्रीय दल होता है। चालक दल के सदस्यों के बदलाव के दौरान यह संख्या बढ़ जाती है। 2009 में 13 चालक दल के सदस्यों ने ISS का दौरा किया। यह एक समय में अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा लोगों के जाने का रिकॉर्ड है। आमतौर पर अंतरिक्ष यात्री SpaceX के क्रू ड्रैगन कैप्सूल या रूसी अंतरिक्ष यात्रियों के मामले में रूसी सोयुज कैप्सूल के माध्यम से अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करते हैं।
स्पेस स्टेशन में क्या करते हैं अंतरिक्ष यात्री?
स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में मौजूद प्रयोगशाला है। यहां कई तरह के वैज्ञानिक प्रयोग किए जाते हैं। उन्हें ISS का रखरखाव और मरम्मत भी करना होता है। काम के अलावा अंतरिक्ष यात्री व्यायाम और खुद की देखभाल पर रोज दो घंटे लगाते हैं। वे कभी-कभी स्पेसवॉक भी करते हैं। ISS ने 3,600 से अधिक शोधकर्ताओं को 2,500 से अधिक प्रयोग करने में मदद की है।
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