सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का CJI डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे लेटर पर सुप्रिया सुले बोलीं-यह चिंताजनक और परेशान करने वाला

Published : Mar 28, 2024, 03:42 PM ISTUpdated : Mar 29, 2024, 12:44 AM IST
Sharad Pawar Supriya sule

सार

एनसीपी-एसटीपी नेता व सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह कहानी पढ़ना बहुत ही चिंताजनक और परेशान करने वाला है।

NCP-SCP MP Supriya Sule: 600 के आसपास वकीलों के भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे लेटर पर प्रतिक्रया देते हुए एनसीपी-एसटीपी नेता व सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह कहानी पढ़ना बहुत ही चिंताजनक और परेशान करने वाला है। भारत एक स्वतंत्र देश है। हमारे पूर्वजों ने इसे आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी है। न्यायपालिका हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है और अगर बहुत से वकील महसूस करते हैं कि इसके साथ समझौता किया गया है तो यह असाधारण रूप से चिंताजनक है।

सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने क्यों लिखा लेटर?

600 से अधिक वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक लेटर लिखा है। इस लेटर में वकीलों ने न्यायिक प्रक्रियाओं में हेरफेर करने, अदालती फैसलों को प्रभावित करने और निराधार आरोपों और राजनीतिक एजेंडे के साथ न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश करने वालों की की आलोचना की है। लेटर लिखने वाले वकीलों में हरीश साल्वे, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा आदि के हस्ताक्षर हैं। वकीलों ने कहा कि ऐसे लोग अदालती फैसलों को प्रभावित करने और न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश ज्यादा करते हैं। किसी भी मामले में झूठी कहानी को तैयार करके अदालती कामकाजों में विकृत दृष्टिकोण को चित्रित करना की मंशा शामिल होती है, जिसे न्यायिक परिणामों को प्रभावित करने और न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करने कोशिश की जाती है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखे गए लेटर में बेंच फिक्सिंग के मनगढ़ंत सिद्धांत के बारे में चिंता जताई गई है। वकीलों ने इन कार्रवाइयों को न केवल अपमानजनक बताया बल्कि कानून के शासन और न्याय के सिद्धांतों को नुकसान पहुंचाने वाला भी बताया। उन्होंने कहा कि वे हमारी अदालतों की तुलना उन देशों से करने के स्तर तक भी गिर गए हैं जहां कानून का कोई शासन नहीं है और हमारे न्यायिक संस्थाओं पर अनुचित प्रथाओं का आरोप लगा रहे हैं।

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