नई दिल्ली। भारत में Mpox (Monkeypox) वायरस के संक्रमण का मामला सामने आया है। इसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में Mpox के मामलों को रोकने या इसके जोखिम को कम करने के लिए राज्यों को एक सलाह जारी की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी किया। इसमें सभी संदिग्ध एमपॉक्स या मंकीपॉक्स रोगियों की जांच करने के लिए कहा गया है। इससे यह पुष्टि हो सकेगी कि मामला एमपॉक्स संक्रमण का है। ऐसे रोगी को दूसरे मरीजों से अलग रखा जाएगा। केंद्र ने राज्य सरकार से एमपॉक्स के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इंतजाम करने के लिए भी कहा है।
केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें लोगों को रोग, इसके फैलने के तरीके, समय पर सूचना देने की जरूरत और बचने के उपाये के बारे जागरूक करें। इस संबंध में फैलाए जा रहे डर को रोकें।
मंकीपॉक्स क्या है?
एमपॉक्स या मंकीपॉक्स एक तरह का वायरस है। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की प्रजाति है। वायरस को दो अलग-अलग प्रकारों में बांटा गया है। क्लेड I और क्लोड II। क्लेड I के उप-क्लेड्स Ia और Ib हैं। इसी तरह क्लेड II के उप-क्लेड्स IIa और IIb हैं। क्लेड IIb स्ट्रेन 2022-2023 में ग्लोबल एमपॉक्स प्रकोप का कारण था। मंकीपॉक्स वायरस मुख्य रूप से अफ्रीका में पाया जाता है। यह जानवरों (जैसे चूहे, बंदर) से इंसान में फैलता है। एक इंसान से दूसरे इंसान में इसका संक्रमण तेजी से फैलता है।
क्या हैं मंकीपॉक्स संक्रमण के लक्षण?
मंकीपॉक्स वायरस फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। इसका संक्रमण होने पर मरीज में बुखार, सिरदर्द, चकत्ते, मवाद से भरे घाव जैसे लक्षण दिखते हैं। कभी-कभी ये जानलेवा भी हो सकते हैं। संक्रमण लगने पर शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके बाद त्वचा पर दाने, फफोले या घाव निकल आते हैं। ये चेहरे, हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों, कमर, जननांग और गुदा क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं। ये घाव मुंह, गले, गुदा, मलाशय या योनि या आंखों पर भी पाए जा सकते हैं।
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