पेपर लीक कांड के मनीष कुमार और आशुतोष कुमार को अरेस्ट कर सीबीआई ने कोर्ट में उनको पेश किया।
नई दिल्ली। सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक केस में पहली गिरफ्तारी की है। गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना में सीबीआई ने दो लोगों को कस्टडी में लिया। पेपर लीक कांड के मनीष कुमार और आशुतोष कुमार को अरेस्ट कर सीबीआई ने कोर्ट में उनको पेश किया। सोमवार को जांच एजेंसी ने नीट-यूजी परीक्षा के गड़बड़ियों से संबंधित पांच एफआईआर दर्ज किया। सीबीआई ने शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के बाद केस रजिस्टर किया। अब सीबीआई छह मामलों की जांच कर रही है।
गुजरात और बिहार सरकारों ने भी दर्ज कराया केस
सीबीआई के छह केसों के अलावा बिहार और गुजरात सरकारों ने भी एक-एक एफआईआर दर्ज किया है। राजस्थान सरकार ने नीट परीक्षा की गड़बड़ियों में तीन केस दर्ज किए हैं। सीबीआई सूत्रों का दावा है कि बिहार में पेपर लीक के गैंग का भंड़ाफोड़ हुआ है लेकिन बाकी राज्यों में पेपर लीक नहीं बल्कि नकल जैसे मामले सामने आए हैं। हालांकि, कई राज्यों में पेपर लीक के केस रजिस्टर किए गए हैं। इसमें सबसे पहले बिहार और गुजरात के गोधरा में पेपर लीक को लेकर केस रजिस्टर किया गया था।
नीट परीक्षा शुरू से रही विवादों में
NEET-UG परीक्षा शुरू से ही विवादों में रहा। परीक्षा कराए जाने के दौरान पेपर लीक का आरोप लगा लेकिन सरकार लगातार इससे नकारती रही। एनटीए द्वारा संचालित स्नातक चिकित्सा कार्यक्रमों के लिए 5 मई को आयोजित नीट-यूजी 2024 परीक्षा में लगभग 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था। परीक्षा का रिजल्ट 4 जून को जब जारी किया तो विवाद और गहरा गया। दरअसल, 67 छात्रों के 720 अंक लाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। आधा दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स तो एक ही सेंटर के थे। देशव्यापी आंदोलन शुरू हो गया। हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर आ गए। विपक्ष ने भी नीट को मुद्दा बना दिया। अब पेपर लीक और रिजल्ट दोनों को लेकर सरकार घिरने लगी। हालांकि, इसके बाद भी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेपर लीक से नकारते रहे।
उधर, अधिक मार्क पाने वाले स्टूडेट्स को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने गलत प्रश्न और उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र देरी से मिलने के कारण कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए थे।
लेकिन प्रश्नपत्र लीक होने और 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस अंक दिए जाने के दावों के बीच नीट का विवाद बढ़ता ही गया। देश के विभिन्न हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं। सुप्रीम कोर्ट सख्त हुआ तो सरकार और एजेंसी बैकफुट पर आई। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए पर सवाल उठाए।
उधर, शिक्षा मंत्री के दावों के बीच बिहार और कई अन्य राज्यों में पेपर लीक गिरोह का भंड़ाफोड़ शुरू हो गया। लगातार बढ़ रहे दबाव और सामने आ रहे सबूतों के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने स्वीकार किया कि गड़बड़ियां हुईं हैं। इसके बाद उन्होंने एक हाईलेवल कमेटी के गठन का ऐलान करते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। संसद सत्र शुरू होने के ठीक पहले सरकार ने मामले को सीबीआई को हैंडओवर कर दिया। अब सीबीआई जांच कर रही है।
यह भी पढ़ें:
NEET UG re-exam रिजल्ट की घोषणा 30 जून तक, इंपोर्टेंट डिटेल्स यहां पढ़ें