ओमीक्रोन से लड़ने के लिए दुनियाभर में तैयार हो रहीं वैक्सीन, जानें कौन से नए टीके 2022 में मिलेंगे...

कोरोना के नए वेरिएंट के मामले 96  देशों में मिल चुके हैं।  यह वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है, जिसने देश और दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, इस नए वैरिएंट से निपटने के लिए दुनियाभर की कंपनियां टीकों को अपग्रेड कर रही हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 20, 2021 9:01 AM IST / Updated: Dec 20 2021, 04:21 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (new corona variant omicron) ने देश-दुनिया की चिंता बढ़ा दी, दुनियाभर के 96 देशों में इस वेरिएंट का प्रसार हो चुका है. हाल ही में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने यह कहकर चिंता बढ़ा दी थी कि ओमीक्रोन वैरिएंट पर यह वैक्सीन बेसअर हो सकती हैं। हालांकि, इस नए वैरिएंट से निपटने के लिए दुनियाभर की कंपनियां टीकों को अपग्रेड कर रही हैं। आइए जानते हैं देश-दुनिया में कोरोना वैक्सीन की दिशा में क्या-क्या काम हो रहे हैं और आने वाले समय में देश में कौन-कौन से टीके लॉन्च हो सकते हैं। 

ब्रिटेन mRNA वैक्सीन विकसित करने में अपना रहा नया तरीका
ब्रिटेन के शोधकर्ता कोरोना और कई अन्य बीमारियों के खिलाफ लड़ने के लिए एमआरएनए टीके तथा दवाएं तेजी से विकसित करने तथा बड़े पैमाने पर उनके उत्पादन के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। इस शोध परियोजना से कोरोना के नए वेरिएंट तथा आने वाले सोलों में आने वाली महामारियों का सामना मदद मिलेगी. यह परियोजना सफल होती है तो तेजी से टीके विकसित हो सकेंगे।

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तुर्की बना रहा कोरोना टीका
तुर्की कोरोना वैक्सीन का स्वदेशी टीका बना रहा है। इस वैक्सीन का नाम ERUCOV-VAC है. तुर्की में इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और उम्मीद के मुताबिक परिणाम आ रहे हैं. इस वैक्सीन का टीका लगाने वाले किसी भी व्यक्ति में कोई भी गंभीर समस्या नहीं हुई है और इस वैक्सीन से तेजी से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है।

भारत में जायडस कैडिला का नया टीका 
हाल में ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने स्वदेशी फार्मा कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) के टीके को टीका 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और वयस्कों को लगाने के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.  यह वैक्सीन दुनिया की पहली प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है।
प्लाज्मिड डीएनए (Plasmid DNA) ऐसे अणु होते हैं, जो कि स्वतंत्र रूप से शरीर में पहले से मौजूद डीएनए के गुणसूत्र को दोहराते हैं और यह मुख्य रूप से बैक्टीरिया में पाया जाता है. प्लास्मिड डीएनए टीके में शरीर के सही ऊतकों में इंजेक्शन लगाना भी शामिल है. जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता का डीएनए अनुक्रम में एन्कोड होता है। शरीर में बी और टी-सेल को मिलाकर ये वैक्सीन ज्यादा लाभ देती है।

सीरम इंस्टीट्यूट के कोवोवैक्स को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति 
हाल में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन कोवोवैक्स को आपात प्रयोग को स्वीकृति दे दी है.  जिसके बाद यह करोड़ों लोगों के लिये उपलब्ध हो सकेगी. बता दें कि इस वैक्सीन को नोवावैक्स कंपनी के लाइसेंस पर सीरम इन्स्टीट्यूट विकसित कर रहा है।

देश में जल्द लॉन्च होगा स्पूतनिक लाइट
भारत में दिसंबर में स्पूतनिक लाइट कोरोना टीका (Sputnik light COVID vaccine) लॉन्च हो सकता है.   गौरतलब है कि एक खुराक वाले स्पूतनिक लाइट टीके को 15 से अधिक देशों में मंजूरी मिल चुकी है और 30 अन्य देशों में इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है. बताते चलें कि स्पूतनिक लाइट (Sputnik light) में भी स्पूतनिक-V (Sputnik-v) के अवयव-1 का ही इस्तेमाल होता है।

यह भी पढ़ें- corona virus: ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच देश में वैक्सीनेशन 137.67 करोड़ पार हुआ

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