भारत के इलाके पर नेपाल की दावेदारी, संसद में नए नक्शे का बिला पास हुआ, किसी ने नहीं किया विरोध

नेपाल की संसद ने देश के विवादित राजनीतिक नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया गया है। वोटिंग के दौरान संसद में विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी- नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन किया। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 13, 2020 1:41 PM IST / Updated: Jun 13 2020, 07:14 PM IST

नई दिल्ली. नेपाल की संसद ने देश के विवादित राजनीतिक नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया गया है। वोटिंग के दौरान संसद में विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी- नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन किया। 

भारत ने लिपुलेख से धारचूला तक सड़क बनाई
भारत ने लिपुलेख से धारचूला तक सड़क बनाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद ही नेपाल की सरकार ने विरोध जताते हुए 18 मई को नया नक्शा जारी किया था। भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था, यह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। 

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क्या है विवाद?
नेपाल सरकार ने हाल ही में जारी नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया था। नेपाल की कैबिनेट बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने यह संसोधित नक्शा जारी किया था। इससे पहले भारत ने 8 मई को लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर में सड़क का उद्घाटन किया था। इसे लेकर नेपाल ने विरोध जताया था। इसी के बाद नेपाल ने नक्शा जारी करने का फैसला किया था।

भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
नेपाल के इस नक्शे पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। विदेश मंत्रालय ने नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल से बातचीत के लिए माहौल बनाने की मांग की थी।

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