नई पार्लियामेंट बिल्डिंग के उद्घाटन पर रार: राहुल गांधी और कांग्रेस के उठाए गए सवाल पर राजीव गांधी का वीडियो शेयर कर दिया जवाब...

नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करेंगे। लेकिन विपक्ष ने उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग की है।

New Parliament building inauguration: देश के नए पार्लियामेंट बिल्डिंग के शिलान्यास को लेकर उठे विवाद पर सवाल-जवाब शुरू हो गए हैं। कांग्रेस व राहुल गांधी ने नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी की बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग की है। इस पर सोशल मीडिया पर भी बहस शुरू हो गया है। BlueKraft Digital Foundation के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने बताया है कि संसदीय लोकतंत्र में प्रधानमंत्री ही मुख्य कार्यकारी होता है। इसलिए संसद भवन के उद्घाटन का भी अधिकार उसे है। उन्होंने राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व अन्य लोगों को जवाब देते हुए कहा कि पूर्व में भी ऐसी परंपरा का निर्वहन किया गया है। उन्होंने बताया कि 1987 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने पार्लियामेंट की लाइब्रेरी की आधारशिला रखी थी और उद्घाटन किया था। ऐसे में ऐसे सवाल उठाना निरर्थक है।

 

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खड़गे बोले:एससी-एसटी को महत्व जहां देना चाहिए नहीं देती है बीजेपी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने भी राहुल गांधी के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नई संसद भवन का उद्घाटन कराने की मांग की है। खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नई संसद भवन का उद्घाटन कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी दलितों का मान नहीं करती है। संसद भवन के शिलान्यास के समय भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को शामिल नहीं किया गया था। अब दूसरी दलित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिलान्यास नहीं कराना चाह रही है। उन्होंने कहा कि नई संसद भवन के शिलान्यास पर रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया था, अब उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कहती है कि वह एससी-एसटी को महत्व देते हैं लेकिन वहां महत्व और सम्मान नहीं देते हैं जहां उन्हें दिया जाना चाहिए।

नई संसद भवन में है कई खूबियां…28 महीने में ही बनकर हुआ तैयार

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नए संसद भवन व अन्य प्रोजेक्ट्स की आधारशिला 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी। नई दिल्ली के दिल में यह नया संसद भवन यानि न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर एरिया में फैला है। नई संसद भवन 4 मंजिला बनाया गया है। इसमें 3 दरवाजे हैं। इसे तीन नामों से जाना जाएगा-ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। यहां वीवीआईपी व सांसदों के लिए अलग एंट्री है। इस भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा। यह पुरानी संसद से 17 हजार वर्गमीटर बड़ा है। नई संसद की डिजाइन जाने माने आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने तैयार किया है। इसका शेप तिकोना है। जबकि पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग का आकार गोलाकार है। 15 जनवरी 2021 से निर्माण इसका शुरू हुआ था और रिकॉर्ड 28 महीने में बनकर तैयार है। पढ़िए पूरी डिटेल खबर…

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