New Parliament Building India: जयपुर-जालोर के सिंदूरी रेड और कोटकास्ता ग्रेनाइट से चमकेगा नया संसद भवन, जानें कैसा है कांफ्रेंस हाल?

भारत का नया संसद भवन (New Parliament Building) बनकर तैयार है और 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इसे देश के नाम समर्पित करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नए संसद भवन में कहां के मार्बल लगाए गए हैं।

Manoj Kumar | Published : May 25, 2023 9:49 AM IST / Updated: May 28 2023, 06:36 AM IST

New Parliament Building. भारत के नये संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को करेंगे। इस संसद भवन के निर्माण में 60,000 से ज्यादा श्रमिकों ने काम किया है। संसद भवन का निर्माण कार्य भी रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र खुद ही समय-समय पर निर्माणाधीन साइट का दौरा करके स्थिति की समीक्षा करते रहे जिसकी वजह से यह समय से निर्मित हो पाया है। अब 28 मई को इसे देश के नाम समर्पित कर दिया जाएगा।

New Parliament Building: कहां से लाए गए मार्बल-ग्रेनाइट

नए संसद भवन के निर्माण की सारी जानकारी उपलब्ध हैं लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इसमें जयपुर और जालोर के बेशकीमती ग्रेनाइट का उपयोग किया है। यही ग्रेनाइट अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर के निर्माण में भी किया जा रहा है। दिल्ली के संट्रेल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बना त्रिकोणीय संसद भवन जयपुर और जालोर के सिंदुरी रेड और कोटकास्ता ग्रेनाइट से चमकेगा। जालोर की हजारों फैक्ट्रियों में इन पत्थरों को तराशकर दिल्ली भेजा गया।

New Parliament Building: 10 लाख वर्गफीट में ग्रेनाइट

रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में तैयार संसद भवन में करीब 10 लाख वर्गफीट ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। इनमें लाखा रेड यानि सिंदुरी रेड और कोटकास्ता दोनों तरह के मार्बल और ग्रेनाइट शामिल हैं। नए संसद भवन में लाखा रेड 60, 75 और 90 एमएम की मोटाई वाला लगेगा जबकि कोटकास्ता को 60 एमएम की मोटाई के अनुसार लगाया गया है।

New Parliament Building: कैसा होगा नया कांफ्रेंस हॉल

नए संसद भवन का कांफ्रेंस हॉल सुरक्षा के लिहाज से पुराने कांफ्रेंस हॉल से बेहतर डिजाइन किया गया है। नया कांफ्रेंस रूम लेटेस्ट टेक्निकल इक्वीपमेंट्स से सुसज्जित होगा। नए कांफ्रेंस हाल के अलावा ऑफिस रूम को भी शानदार तरीके से डिजाइन किया गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो नए संसद भवन के अंदर ज्यादातर वुडेन वर्क किया गया है। कांफ्रेंस हॉल की फर्श पर हाथ से बुनी हुई कालीन बिछाई गई है। क्षमता के लिहाज से भी नया कांफ्रेंस हाल पुराने संसद भवन के कांफ्रेंस हॉल से बेहतर तैयार किया गया है।

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