
28 मई को होगा नए संसद भवन का उद्घाटन
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति हरिबंश सहित कई सीनियर मिनिस्टर्स भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा देश की सभी राजनैतिक पार्टियों को निमंत्रण भेजा गया है।
नए संसद भवन में लोकसभा में 888 सीटें
नए संसद भवन में लोकसभा के लिए 888 सीटें बनाई गई हैं। जबकि राज्यसभा के लिए 384 सीटों का इंतजाम किया गया है। दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन के दौरान कुल 1280 सांसद एक साथ बैठ सकते हैं।
क्यों पड़ी नए संसद भवन की जरूरत
केंद्र सरकार के अनुसार पुराने संसद भवन की उम्र 96 साल हो चुकी है और इसका रिनोवेशन कराना, नए और आधुनिक संचार उपकरणों को इंस्टाल करना इस बिल्डिंग में मुश्किल हो गया है। इसके अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि देश की आबादी को देखते हुए संभवतः सांसदों की संख्या भी बढ़ेगी। इसलिए केंद्र की मोदी सरकार ने फैसला किया कि पुराने संसद भवन के पास ही नए संसद भवन का निर्माण किया जाए।
सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत निर्माण
फिर सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट तैयार किया गया, जिसके तहत नए संसद भवन का निर्माण हुआ है। नया संसद भवन कुल 64,500 वर्गमीटर में फैला हुआ है और इसके निर्माण पर करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
दिल्ली के दिल में बनाया गया है नया संसद भवन
नए संसद का निर्माण दिल्ली के दिल में किया गया है। यह कुल 64,500 वर्गमीटर में फैला हुआ है। इसके निर्माण में कुल 66,000 श्रमिकों की मदद ली गई है। पीएम मोदी उद्घाटन के बाद सभी श्रमिकों को भी सम्मानित करेंगे।
नए संसद भवन का इंटीरियर बेहद शानदार है
नए संसद भवन का डिजाइन गुजरात की आर्किटेक्ट कंपनी एचपीसी ने किया है। मुख्य आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने इसका डिजाइन बनाया है। बिमल पटेल ने ही काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का भी डिजाइन बनाया है। बिमल पटेल को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
देश के अलग-अलग राज्यों से मंगाया गया है मैटेरियल
नए संसद भवन के निर्माण में कौन सा मैटेरियल कहां से आया है, यह भी जानना जरूरी है। जानकारी के अनुसार सागौन की लकड़ी- महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई है। बलुला लाल व सफेद पत्थर- राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है। बिछाने के लिए कालीन- यूपी के मिर्जापुर से मंगाया गया है, जबकि लकड़ी के फर्श के लिए त्रिपुरा-अगरतला से बांस मंगाया गया है।
राजस्थान के विशेष पत्थरों का इस्तेमाल किया गया
रिपोर्ट्स की मानें तो नोएडा व राजस्थान में स्टोन का जाली वर्क्स कराया गया है। औरंगाबाद व जयपुर से अशोक चिन्ह बनवाया गया है। संसद भवन के फर्नीचर मुंबई से मंगवाए हैं। जैसलमेर से लाल लाखा मंगाया है और राजस्थान के अंबाजी से सफेद संगमरमर मंगाया गया है। उदयपुर से से केशरिया ग्रीन स्टोन मंगाया गया है।
नए संसद के सदन की फाल्स सीलिंग दमन-दीव से कराई
नए संसद भवन के लिए पत्थर पर नक्काशी का काम राजस्थान से कराया गया है। ब्रॉस वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच अहमदाबाद से कराया गया है। जबकि दोनों सदनों की फाल्स सीलिंग दमन-दीव से कराई गई। यह देखने में इतनी खूबसूरत है कि किसी को भी आकर्षित कर लेगी।
टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने तैयार किया है नया संसद भवन
नए संसद भवन का निर्माण भारत की ही स्वदेशी कंपनी ने किया है। टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने संसद भवन निर्माण का टेंडर जीता था। इस टेंडर के लिए लार्सन एंड टुब्रो ने भी अप्लाई किया था लेकिन प्रोजेक्ट टाटा ग्रुप को अवार्ड किया गया। इस प्रोजेक्ट को सेंट्रल विस्टा रिडेवपमेंट प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है और टाटा ग्रुप ने करीब 862 करोड़ रुपए में तैयार करने की पेशकश की थी।
नए संसद के उद्घाटन से कई पार्टियों ने बनाई दूरी
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से कई विपक्षी पार्टियों ने दूरी बनाई है जबकि ज्यादातर राजनैतिक दलों ने इसका उद्घाटन का निमंत्रण स्वीकार किया है। 28 मई 2023 को सुबह से उद्घाटन कार्यक्रम शुरू होगा और दो फेज में यह कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा।
रिकॉर्ड 28 महीने में बनकर तैयार हुआ नया संसद भवन
नए संसद भवन का 28 नंबर से बहुत बड़ा कनेक्शन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण की आधारशिला रखी थी और अब 28 मई 2023 को इसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। नया संसद भवन 28 महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है।
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