नए संसद भवन (New Parliament Building) में भारत की सांस्कृतिक और कलात्मक विविधता को दर्शाता गया है। इसमें करीब 5000 कलाकृतियां लगाई गईं हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन (New Parliament Building) का उद्घाटन किया। यह भवन भारत की सांस्कृतिक और कलात्मक विविधता को दर्शाता है। इसमें करीब 5000 कलाकृतियां लगाई गईं हैं। इनमें मूर्तियां, पेंटिंग और वॉल पैनल शामिल हैं।
लोकसभा और राज्यसभा की दीर्घाओं सहित छह गेट और अन्य सार्जवनिक जगहों पर इन्हें लगाया गया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि कलाकृति का प्रत्येक टुकड़ा अनगिनत कहानियां बयां करता है। इन कहानियों में जान फूंकने के लिए देश भर के कलाकारों ने सहयोग किया है।
वास्तु के अनुसार प्रवेश द्वारा पर लगाई गई है जानवर की मूर्ति
हर प्रवेश द्वारा पर वास्तु के अनुसार जानवर की मूर्ति लगाई गई है। उत्तर के औपचारिक प्रवेश द्वार पर हाथी की मूर्ति है। हाथी ज्ञान, धन, बुद्धि और स्मृति का प्रतीक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा बुध से जुड़ी है जो गहन ज्ञान का स्रोत है। दक्षिणी द्वार पर घोड़े की मूर्ति है। घोड़ा धीरज, शक्ति और गति के गुणों का दिखाता है। यह अक्सर राजशाही से जुड़ा होता है। गरुड़ पूर्वी द्वार की रखवाली करता है। यह लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक है। वास्तु शास्त्र में पूर्व को उगते सूरज से जोड़ा गया है। यह सफलता का प्रतीक है।
उत्तर-पूर्वी दिशा में प्रवेश द्वार पर हंस की मूर्ति है। हंस सावधानी और ज्ञान से जुड़ा है। शेष प्रवेश द्वारों पर मकरा और विभिन्न जानवरों के अंगों से बना एक पौराणिक जलीय राक्षस की मूर्ति है। यह विविधता में सद्भाव का प्रतीक है।
संसद भवन की सजावट के लिए एक हजार से अधिक कारीगरों और कलाकारों के काम किया है। संसद में देश के सभी कोनों से स्वदेशी और जमीनी कलाकारों की कला को स्थान देने की कोशिश की गई है।