उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के विवादास्पद बयान(controversial statement) 'अब्बा जान' के मामले में दाखिल परिवाद(complaint) को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
मुजफ्फरपुर, बिहार. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के विवादास्पद बयान(controversial statement) 'अब्बा जान' के मामले में दाखिल परिवाद(complaint) की सुनवाई मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट (CJM Court) करेगी। कोर्ट ने परिवाद को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। एक सामाजिक कार्यकर्ता(social worker) तमन्ना हाशमी ने 13 सितंबर को योगी के खिलाफ यह परिवाद दाखिल किया था। हाशमी के वकील मनोज कुमार सिंह के मुताबिक, परिवाद दाखिल करने के बाद हाशमी को धमकियां मिल रही हैं। मोबाइल पर धमकी भरे मैसेज आ रहे हैं। इस मामले में कोर्ट ने 21 तारीख दी है।
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यह कहा था योगी ने
योगी ने यूपी के कुशीनगर जिले में एक टिप्पणी की थी। आदित्यनाथ ने कहा था, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। 2017 से पहले क्या सभी को राशन मिलता था? पहले केवल 'अब्बा जान' कहने वाले ही राशन खाते थे।
इसे लेकर एक कार्टून भी विवाद में आया था
योगी के इस बयान के बाद एक कार्टून भी विवादों में आया था। इसमें AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को अनारकली और सपा चीफ अखिलेश यादव को सलीम के तौर पर दिखाया गया था। इन दोनों को राशन की बोरियों पर लेटे दिखाया गया था। अब्बाजान के रूप में मुलायम सिंह को दर्शाया गया था। दूसरे चित्र में योगी गरीबों को राशन बांटते दिखाई दे रहे थे।
कौन हैं तमन्ना हाशमी?
योगी के खिलाफ कोर्ट पहुंचे तमन्ना हाशमी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे बिहार के अहियापुर थाना क्षेत्र के भिखनपुर के रहने वाले हैं। इनका कहना है कि योगी के बयान के कारण देश की अखंडता और एकता खतरे में पड़ सकती है।