सार

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का शव बाघम्बरी पीठ के एक कमरे में पंखे से लटकता हुआ सोमवार को मिला था। उसके पास एक सुसाइड नोट भी मिला। सूत्रों की मानें तो उस सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी, पीठ व अन्य संपत्तियों का शिष्यों में बंटवारा संबंधी बातें लिखी गई हैं।

नई दिल्ली। अखाड़ा परिषद (Akhada Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) की रहस्यमय मौत (mysterious death) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शिवसेना (Shiv Sena) ने महंत नरेंद्र गिरी की रहस्यमय परिस्थितियों में मिले शव पर योगी सरकार (Yogi Government) पर निशाना साधा है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut)  ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में यूपी सरकार को जवाब देना होगा। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जो इंसान सबको गाइड करता था, वह ऐसा कदम क्यों उठाया या यह एक साजिश थी। संजय राउत ने कहा कि इस प्रकरण में ऐसा लग रहा है कि वह कोई राज जानते थे। उनकी आत्महत्या संदिग्ध है। 

शिवसेना का महंत नरेंद्र गिरी से अच्छे संबंध रहे

संजय राउत ने कहा कि यह घटना हिंदू समाज के लिए बेहद दु:खद है। महंत नरेंद्र गिरी का शिवसेना से अच्छा संबंध रहा है। वह हिंदुओं के आंदोलन के कई बार अगुवा रह चुके हैं।
उन्होंने पालघर में दो साधुओं की मौत की घटना के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि वह भी काफी दुखद घटना थी और उस वक्त दिल्ली और यूपी की तरफ से कई सवाल उठाए गए थे। आज यूपी की योगी सरकार को सवालों का जवाब देना होगा। महंत की मौत के बाद अब दिल्ली और महाराष्ट्र की तरफ से उठ रहे सवालों का जवाब यूपी सरकार को देना होगा। 

महंत नरेंद्र गिरी का बाघम्बरी पीठ में मिली ही लाश

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का शव बाघम्बरी पीठ के एक कमरे में पंखे से लटकता हुआ सोमवार को मिला था। उसके पास एक सुसाइड नोट भी मिला। सूत्रों की मानें तो उस सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी, पीठ व अन्य संपत्तियों का शिष्यों में बंटवारा संबंधी बातें लिखी गई हैं। महंत नरेंद्र गिरी ने अपने किसी शिष्य से परेशान होने की बात भी लिखी है। सुसाइड नोट में उनके कथित उत्तराधिकारी आनंद गिरी की ओर इशारा माना जा रहा है। उधर, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उनके कथित उत्तराधिकारी महंत आनंद गिरी व एक अन्य शिष्य पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है।

सोमवार की देर रात में ही महंत आनंद गिरी को हरिद्वार से यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इसके पहले उत्तराखंड पुलिस ने उनको आश्रम में ही नजरबंद कर दिया था। पुलिस ने बाघम्बरी पीठ को सीज कर दिया था। पूछताछ के लिए कइयों को हिरासत में लिया गया है। 

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