Oxygen का News मीटर: भारत को मिले कुल 12874 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 15,801 ऑक्सीजन सिलेंडर और 19 ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी लड़ाई में भारत को दुनियाभर से लगातार मेडिकल हेल्प मिल रही है। इनमे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सिलेंडर, वेंटिलेटर और दवाइयों से लेकर अन्य सामग्री शामिल है। आइए जानते हैं भारत को कहां से क्या मदद मिल रही है और स्थानीयस्तर पर सरकार, औद्योगिक घरानों और स्वयंसेवी संगठनों की मदद से कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो रहा है।

नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। कुछ समय पहले तक अस्पतालों की व्यवस्थाएं चरमरा गई थीं, लेकिन अब स्थितियों में लगातार सुधार देखा जा रहा है। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी लड़ाई में भारत को दुनियाभर के छोटे-बड़े देशों से लगातार मेडिकल हेल्प मिल रही है। इनमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सिलेंडर, वेंटिलेटर और दवाइयों से लेकर अन्य सामग्री शामिल है। बता दें कि पिछले 24 घंटे में 2.76 लाख नए केस मिले हैं, जबकि 3.68 लाख लोग ठीक हुए हैं। इस दौरान 3877 लोगों की मौत हुई।

जानिए कोरोना के विरुद्ध भारत को देश-विदेश से क्या मदद मिल रही

Latest Videos

दुनियाभर से पहुंची मदद: भारत को 27 अप्रैल से 18 मई तक तक विभिन्न देशों/संगठनों से अभी तक कुल 12874 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 15,801 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 9,925 वेंटिलेटर/बीआईपीएपी, 6.1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले। ये सामग्री स्पेन, ओंटारियो, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और जर्मनी ने भेजी।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस: देश में 727 से ज्यादा टैंकरों के माध्यम से लगभग 11800 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। अब तक 196 ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपना सफर पूरा कर चुकी हैं। ये रोज लगभग 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही हैं।

जंबो कोविड केयर सेंटर: केंद्रीय इस्पात और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पश्चिम बंगाल के बर्नपुर में गैसीय ऑक्सीजन सुविधा के साथ 200 बेड के जंबो कोविड-केयर सेंटर का उद्घाटन किया।

भारतीय सेना: मेजर जनरल संजय रिहानी के नेतृत्व में भारतीय सेना के इंजीनियरों की टीम ने इस चुनौती का समाधान खोजने की पहल की है। यानी कम दबाव ऑक्सीजन गैस को तरल ऑक्सीजन में कुशलतापूर्वक रूपांतरित किया गया है। इससे अब गैस सिलेंडर बार-बार भरने की आवश्यकता नहीं पड़ती। टीम ने छोटी क्षमता (250 लीटर) के स्वतः दबाव डाल सकने वाले तरल ऑक्सीजन सिलेंडर को विशेष रूप से डिजाइन किए गए वैपोराज़र और सीधे उपयोग करने योग्य आउटलेट दबाव (4 Bar) के माध्यम से अपेक्षित लीक प्रूफ पाइपलाइन और प्रेशर वाल्व के साथ तैयार किया है। इसे दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल में लगाया गया है।

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

Share this article
click me!

Latest Videos

Year Ender 2024: Modi की हैट्रिक से Kejriwal - Hemant Soren के जेल तक, 12 माह ऐसे रहे खास
ऐसा क्या बोले राजनाथ सिंह सभा में लगने लगे 'योगी बाबा' के नारे #Shorts #rajnathsingh
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market
Christmas 2024: आखिर क्रिसमस पर चुपके से ही क्यों गिफ्ट देता है सेंटा क्लॉज ? । Santa Claus Story
Pushpa 2 Reel Vs Real: अल्लू अर्जुन से फिर पूछताछ, क्या चाहती है सरकार? । Allu Arjun