NIA व पुलिस की बड़ी कार्रवाई: कर्नाटक में PFI व SDPI के 80 सदस्य अरेस्ट, देशभर में 170 संदिग्ध अरेस्ट

एनआईए के सहयोग से मंगलवार को कर्नाटक पुलिस ने राज्य के विभिन्न ठिकानों पर रेड किया। करीब आठ घंटे तक चले इस रेड में 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अरेस्ट किए गए लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के सदस्य हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 27, 2022 10:55 AM IST / Updated: Sep 27 2022, 06:23 PM IST

Operation Octopus-2: एनआईए व ED का ऑपरेशन ऑक्टोपस-2 मंगलवार को शुरू किया गया। देश के 9 राज्यों के करीब डेढ़ दर्जन ठिकानों पर एनआईए व ईडी ने रेड किया है। इस रेड के दौरान एक बार फिर एजेंसियों ने बड़ी मात्रा में गिरफ्तारियां की है। पीएफआई के खिलाफ हो रही इस कार्रवाई में मंगलवार को अकेले कर्नाटक में 80 से अधिक पीएफआई व एसडीपीआई के सदस्यों को अरेस्ट किया गया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप है। ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत बीते दिनों हुई रेड में पकड़े गए लोगों ने खुलासा किया था कि पीएम की पटना रैली को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी। जबकि इस दशहरा बीजेपी व संघ के टॉप लीडर्स पर निगरानी की जा रही थी।

उधर,  देश के 8 राज्यों से 170 PFI कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया गया है। दिल्ली के शाहीन बाग में NIA ने रेड करके PFI से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया है तो महाराष्ट्र से 15, कर्नाटक से 80 और असम से 25 PFI वर्कर्स को अरेस्ट किया है। यूपी में 16 संदिग्धों को अरेस्ट किया गया है। जबकि गुजरात में 8 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

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80 लोगों को कर्नाटक में किया अरेस्ट

एनआईए के सहयोग से मंगलवार को कर्नाटक पुलिस ने राज्य के विभिन्न ठिकानों पर रेड किया। करीब आठ घंटे तक चले इस रेड में 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अरेस्ट किए गए लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के सदस्य हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) आलोक कुमार ने कहा कि सुबह तीन बजे से लगभग 11 बजे तक कार्रवाई की गई। इस रेड में 80 से अधिक लोगों को अरेस्ट किया गया। अरेस्ट के बाद सभी को कार्यकारी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। इसके बाद सभी को रिमांड पर भेज दिया गया। हालांकि, एक सरकारी कर्मचारी व एक अन्य व्यक्ति को जमानत दिया गया। आलोक कुमार ने बताया कि अरेस्ट किए गए अधिकतर लोग पीएफआई के कट्टरपंथी सदस्य हैं। कुछ एसडीपीआई के भी हैं। ये लोग राजनीतिक मोर्चे की आड़ में देश विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। 

कहां कहां राज्य में हुआ रेड?

एडीजी आलोक कुमार ने कहा कि पीएफआई के खिलाफ यह अभियान बेंगलुरु ग्रामीण, मैसूर, शिवमोग्गा, तुमकुरु, कोलार, रायचूर, गडग, ​​मंगलुरु, बेलगावी, विजयपुरा, बागलकोट, मांड्या, रामनगर, उडुपी, चामराजनगर, कालाबुरागी, हुबली और धारवाड़ में चलाया गया।

दशहरा पर आरएसएस मुख्यालय व BJP के टॉप लीडर्स थे हिटलिस्ट में थे

हाल में महाराष्ट्र एनआईए (Maharashtra NIA) ने खुलासा किया था कि पीएफआई ने बीजेपी के टॉप लीडर्स व आरएसएस को निशाना बनाने की साजिश रची थी। दशहरा पर आरएसएस मुख्यालय व बीजेपी नेताओं को निशाना बनाने की फिराक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) था। पूरी तैयारियां थीं लेकिन इसके पहले एनआईए ने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया। क्लिक करके पढ़ें

PFI ने रची थी पीएम मोदी की रैली में हमले की साजिश

22 सितंबर की रेड में ईडी ने कोझिकोड से PFI वर्कर शफीक पायथे को गिरफ्तार किया था। ईडी ने बताया कि पीएफआई ने पटना में 12 जुलाई को पीएम मोदी की रैली में हमला की साजिश रची थी, इसकी फंडिंग में शफीक पायथे भी था।  केंद्रीय एजेंसी के अनुसार पीएफआई के साजिशकर्ता यह चाहते थे कि अक्टूबर 2013 की घटना की पुनरावृत्ति हो। दरअसल, 2013 में पटना के गांधी मैदान में बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे। क्लिक करके पढ़ें

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