भीमा कोरेगांव हिंसाः NIA चार्जशीट में JNU छात्रों का जिक्र, देश के खिलाफ युद्ध चाहते थे एल्गार परिषद-माओवादी

महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास जनवरी 2018 में हिंसा भड़की थी। इसके एक दिन पहले एल्गार परिषद का पुणे शहर में सम्मेलन हुआ था। NIA का आरोप है कि संगठन के एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिए गए थे। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 23, 2021 9:30 AM IST / Updated: Aug 23 2021, 03:16 PM IST

मुंबई। एनआईए ने भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। एनआईए ने आरोप लगाया है कि एल्गार परिषद और माओवादियों के बीच संबंध रहे हैं। ये लोग मिलकर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे और अपनी सरकार चलाना चाहते थे। 

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने एल्गार परिषद और माओवादियों के बीच संबंधों के मामले में स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में दावा किया गया है कि आरोपी देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे। इसके लिए वे खुद की सरकार भी चलाना चाहते थे।

तो क्या जेएनयू और टीआईएसएस के छात्र देश विरोधी गतिविधि में हैं लिप्त

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि JNU और TISS के छात्रों को आतंक फैलाने के लिए रिक्रूट किया गया था। NIA ने अगस्त महीने की शुरुआत में इसका ड्राफ्ट पेश किया था।

यह है मामला

महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास जनवरी 2018 में हिंसा भड़की थी। इसके एक दिन पहले एल्गार परिषद का पुणे शहर में सम्मेलन हुआ था। NIA का आरोप है कि संगठन के एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिए गए थे। 

 

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