केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर एक्शन लिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह एक्शन (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत लिया है। सरकार ने कहा, PFI और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।
PFI Ban: केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर एक्शन लिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह एक्शन (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत लिया है। इसके साथ ही PFI के सभी संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं।
NIA के पास PFI की पूरी कुंडली :
- PFI को लेकर 2017 में एजेंसी ने जो डोजियर तैयार किया था, उसमें कहा गया है कि संगठन के पास बम बनाने वाले एक्सपर्ट के दस्ते हैं। एनआईए के मुताबिक, PFI देश की राजनीति को सांप्रदायिक बनाने और तालिबान ब्रांड इस्लाम के मकसद से कई मोर्चों वाली रणनीति पर आगे बढ़ रहा है।
- डोजियर के मुताबिक, पीएफआई ने प्रशिक्षित वॉलंटियर्स की फौज तैयार कर ली है जो जरूरत पड़ने पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भी तैयार हैं।
- एनआईए का कहना है कि पीएफआई मुस्लिमों में मजहबी कट्टरता बढ़ा रही है। एनडीएफ की तरह पीएफआई भी रैडिकल इस्लाम के एजेंडा पर आगे बढ़ रहा है। हालांकि, ये सब वो मानवाधिकार की आड़ में कर रहा है।
- एनआईए के 2017 के डोजियर में कहा गया है कि पीएफआई के पास बम और आईईडी बनाने में दक्ष लोग हैं। उसकी इंटेलिजेंस विंग लोकल लेवल पर जानकारियां इकट्ठी करती है, जबकि एक्शन स्क्वॉड गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियां संचालित करती है।
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क्यों मारा गया PFI के ठिकानों पर छापा?
PFI पर लंबे समय से आतंकी गतिविधियां संचालित करने के आरोप लगते रहे हैं। इनमें टेरर फंडिंग, आतंकी ट्रेनिंग कैम्प चलाना, चंदे की रकम से आतंकी मॉड्यूल तैयार करना, बाहर से हुई फंडिंग से भारत के खिलाफ प्रचार करना, स्कूल, कॉलेज और मदरसों से नए लड़कों की भर्ती करना, मुस्लिम बहुल इलाकों में लड़कों का ब्रेनवॉश करना, मार्शल आर्ट के जरिए नए लड़कों को आतंक की ट्रेनिंग, कुंगफू और कराटे सिखाकर आतंकियों को तैयार करना, कश्मीर मॉडल के तहत लड़कों को पत्थर चलाने की ट्रेनिंग देना जैसे काम शामिल हैं।
कैसे बना PFI?
पीएफआई की स्थापना 1993 में बने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट से ही हुई है। 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम से एक संगठन बना था। इसके बाद 2006 में नेशनल डेमाक्रेटिक फ्रंट का विलय पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में हो गया। हालांकि, ऑफिशियल इस संगठन की शुरुआत 17 फरवरी, 2007 में हुई। यह संगठन केरल से ही संचालित होता है लेकिन पूरे देश में इसके लोग फैले हुए हैं।
ये हैं PFI की अलग-अलग विंग्स?
जांच एजेंसियों को धोखा देने के लिए इस संगठन ने कई विंग तैयार कर ली हैं। इनमें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI), कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया, नेशनल वुमन फ्रंट, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, सोशल डेमोक्रेटिक ट्रेड यूनियन, एचआरडीएफ।
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