मुझे माफ कर देना...जब निर्भया के बलात्कारी ने परिवार से की मुलाकात, डेथ वॉरंट देख बेसुध हुआ विनय

निर्भया के चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है। इस बीच पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट में फांसी की नई तारीख 1 फरवरी सुबह 6 बजे तय की है। डेथ वॉरंट जारी होने के बाद विनय बेसुध हो गया था। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 18, 2020 4:21 AM IST / Updated: Jan 18 2020, 03:09 PM IST

नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है। इस बीच पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट में फांसी की नई तारीख 1 फरवरी सुबह 6 बजे तय की है। डेथ वॉरंट जारी होने के बाद विनय बेसुध हो गया था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। विनय ने खाना पीना भी छोड़ दिया है, जिससे धीरे-धीरे कमजोर होने लगा है।

पवन ने दादी, बहन और पिता से मुलाकात की
डेथ वॉरंट में फांसी की नई तारीख जारी होने के कुछ देर पहले ही दोषी पवन ने अपनी दादी, बहन और पिता से मुलाकात की, जो करीब आधे घंटे तक चली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बहन से मिलकर पवन रोने लगा। दादी को देखते ही लड़खड़या। पवन को देखकर लग रहा था कि वह पूरी तरह से टूट चुका हो।

विनय के खुदकुशी की कोशिश अफवाह
दूसरे तरफ विनय ने जेल में आत्महत्या की कोशिश की। लेकिन जेल अधिकारियों ने इसे अफवाह बताया। उन्होंने बताया कि चारों दोषियों के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रही जा रही है। इनका डाइट चार्ट भी बनाया गया है। 

फांसी घर से रखा गया है दूर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोषियों को फांसी घर से दूर रखा गया है। प्रशासन का मानना है कि फांसी घर को देखने से उनमें दहशत और तनाव हो सकता है। सुरक्षाकर्मियों को हिदायत दी गई है कि दोषियों को फांसी से जुड़ी कोई भी जानकारी न दी जाए।

क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड

दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

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