निर्भया केस: जज ने दोषियों के वकील से कहा, ये चौथा डेथ वारंट, थोड़ा महत्व इन्हें भी दीजिए

निर्भया के दोषियों ने मौत से बचने के लिए अभी भी अपनी कोशिशें बंद नही की हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद दोषियों को फांसी देने का रास्ता साफ नजर आ रहा था। लेकिन दोषियों के वकील ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है, जिस पर हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2020 4:50 PM IST / Updated: Mar 19 2020, 11:06 PM IST

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों ने मौत से बचने के लिए अभी भी अपनी कोशिशें बंद नही की हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद दोषियों को फांसी देने का रास्ता साफ नजर आ रहा था। लेकिन दोषियों के वकील ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है, जिस पर हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच यह सुनवाई करेगी। दोषियों के वकील के मुताबिक अभी भी कई अदालतों में दोषियों के मामले लंबित हैं, जिन पर सुनवाई के बिना उन्हें फांसी नहीं दी जी सकती। 

सुनवाई के दौरान जज ने दोषियों के वकील से कहा कि अगर आप के पास उचित तर्क नहीं हैं तो अदालत का समय बर्बाद मत कीजिए। कोई उचित तर्क है तो बताइए। ये चौथा डेथ वारंड है थोड़ी गरिमा इसकी भी रहने दीजिए। 

डेथ वारंट के मुताबिक शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे दोषियों को फांसी दी जाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी मुकेश की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि दोषियों ने सभी कानूनी अधिकारों का प्रयोग कर लिया है, जिसके बाद अब इस पर कोई विचार नहीं किया जा सकता है। 

'कोरोना के कारण कोर्ट बंद हैं'
निर्भया के चारों गुनहगारों को कल यानी 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है। फांसी को रोकने के लिए गुनहगारों के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस पर सुनवाई के दौरान एपी सिंह ने दलील दी कि सभी कोर्ट फिलहाल कोरोना के कारण बंद है। अभी हमारी याचिकाएं अलग-अलग अदालतों में लंबित है। 

एपी सिंह ने बताया कि कड़कड़डुमा कोर्ट में एक दोषी की पिटाई और चोट से जुड़े मामले में कोर्ट ने अप्रैल में दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया हुआ है। इसके अलावा एक दोषी की याचिका हाई कोर्ट में है, जिसमें सतेन्द्र जैन के गलत तरीके से आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए दया याचिका पर दस्तखत करने का मामला है। 

20 मार्च को दी जानी है फांसी
निर्भया के चारों दोषियों क्रमशः पवन, मुकेश, विनय और अक्षय को फांसी पर लटकाने के लिए 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे की तारीख तय की गई है। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने चौथी बार डेथ वारंट जारी करते हुए मौत की यह तारीख तय की है। इससे पहले दोषी तीन बार फांसी से बच चुके हैं।

तीन बार टल चुकी है फांसी
निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों का डेथ वारंट जारी करने की याचिका दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया। लेकिन दोषियों के कानूनी पैंतरेबाजी के कारण मौत की तारीख टल गई। जिसके बाद कोर्ट ने 1 फरवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया, लेकिन यह तारीख भी टल गई। कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वारंट जारी करते हुए 3 मार्च को मौत देने का आदेश दिया, लेकिन यह तारीख भी टल गई। जिसके बाद कोर्ट ने चौथी बार वारंट जारी करते हुए 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है।

नहीं बचा है कोई कानूनी विकल्प
निर्भया के दोषियों के फांसी से बचने के लिए सारे कानून विकल्प खत्म हो गए है। हालांकि दोषी बचने के लिए कोई न कोई तरकीब खोज ही ले रहे हैं। लेकिन चारों दोषियों को मिलने वाले कानूनी विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो गए हैं। अभी तक दोषी इन्हीं विकल्पों के कारण बचते आए है। बावजूद इसके चारों दोषी लगातार कोई न कोई याचिका दाखिल कर फांसी से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

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