कोर्ट ने डांटा फिर भी हाई कोर्ट पहुंचा निर्भया का दोषी, मौत से बचने के लिए 2 दिन में चली 4 बड़ी चाल

निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह फांसी दी जानी है। लेकिन मौत से 2 दिन पहले उन्होंने अलग-अलग जगहों पर 4 नई याचिकाएं लगाई हैं। हालांकि एक के एक कोर्ट उनकी याचिकाओं को खारिज कर रही है।

 

 

नई दिल्ली. कोर्ट की फटकार के बाद भी दोषी मुकेश ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई है। उसने कहा है कि दिल्ली गैंगरेप के दिन वह घटनास्थल पर नहीं था। बता दें कि मुकेश ने यही याचिका पटियाला हाउस कोर्ट में भी लगाई थी, जहां कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि कोर्ट का समय बहुत कीमती होता है। इसे बर्बाद न करें।

दोषियों के वकील ने सिर्फ झूठा तथ्य रखा
एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने सुनवाई के दौरान कहा था, "दोषियों के वकील ने न सिर्फ कोर्ट में झूठा तथ्य रखा, बल्कि वह वकील के रूप में अपने कर्तव्य का पालन भी करने में विफल रहे, जिसमें उन्हें न्याय के लिए कोर्ट के सामने सभी तथ्य रखने होते हैं।"

Latest Videos

जज ने कहा, कोर्ट के समय के महत्व को समझना जरूरी
एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने कहा था, "दुर्भाग्य से कुछ लोग कानून का गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायपालिका के लिए समय की बहुत कीमत है। इसे बहुत ही सहजता से खर्च करने करना चाहिए। कोर्ट में पेश होने से पहले वकीलों को यह तय करना होगा कि उनके केस से कोर्ट का समय बर्बाद न हो।

2 दिन में 4 याचिकाएं लगाई गईं
पहली अर्जी मुकेश ने निचली अदालत में लगाई थी। इसमें कहा गया कि पुलिस ने अहम दस्तावेज कोर्ट से छुपाए। इसलिए फांसी रद्द हो। दूसरी अर्जी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई। उसमें कहा कि घटना के वक्त वह नाबालिग था। तीसरी अर्जी मुकेश ने लगाई। उसने कहा कि तिहाड़ जेल में राम सिंह की मौत हुई थी, लेकिन मौत की जांच सही तरीके से नहीं हुई। इसलिए जांच के लिए मुकेश को जिंदा रखा जाए। चौथी याचिका अक्षय की पत्नी ने तलाक के लिए लगाई। उसने अर्जी में कहा है कि उसके पति को 20 मार्च को फांसी होने वाली है। वह रेप का दोषी है। लेकिन पत्नी उसे निर्दोष मानती है। पत्नी का कहना है कि पति को फांसी होने वाली है, ऐसे में मैं विधवा बनकर नहीं रहना चाहती हूं। मुझे तलाक चाहिए। अब इस मामले में 19 मार्च को सुनवाई होगी। 

क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह