निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के दोषियों की फांसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जोसेफ कुरियन ने सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा कि क्या इन्हें फांसी पर लटका देने से जघन्य अपराध की घटनाओं पर रोक लगा जाएगी?
नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटकाया जाना है। एक तरफ चारों दोषी फांसी से बचने के लिए लगाताक कोई न कोई दांव खेल रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ दोषियों की फांसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जोसेफ कुरियन ने सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा कि क्या इन्हें फांसी पर लटका देने से जघन्य अपराध की घटनाओं पर रोक लगा जाएगी?
पूर्व जज ने कहा, 'इन्हें फांसी दे देने से क्या इस तरह के गुनाह रुक जाएंगे? बच्चन सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मृत्यु दंड दुर्लभतम मामलों में ही दी जानी चाहिए, वह भी तब जब निर्विवाद तरीके से सारे विकल्प खत्म हो जाएं।'
ऐसे दोषियों को आजीवन कारावस ही ठीक
फांसी की सजा पर सवाल उठाते हुए पूर्व जज ने कहा कि अगर ऐसे जघन्य अपराधियों को आजीवन जेल में रखा जाए तो समाज के लिए यह याद रखने वाली बात होगी जबकि फांसी के बाद लोग घटनाओं को भूल जाते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि चारों दोषियों को फांसी पर लटका देने से निर्भया के माता-पिता को न्याय मिल जाएगा। पीड़ित के पैरंट्स के प्रति हमारी सहानुभूति जरूर है। मुझे सच में बुरा लगता है।'
'आंख के बदले आंख की नीति से अंधी हो जाएगी दुनिया'
पूर्व जज ने कहा, 'गांधीजी ने कहा कि आंख के बदले आंख की नीति से पूरी दुनिया अंधी हो जाएगी। इसलिए क्रिमिनल जस्टिस प्रोसीजर में कुछ भी प्रतिशोध नाम की कोई चीज नहीं होती है। अगर मैं आपकी जान ले लूं तो इसका मतलब है कि आप भी मेरी जान ले लेंगे। यह न्याय नहीं है। प्रतिशोध और प्रतिकार बिल्कुल अलग-अलग चीजें हैं।'
विनय ने भी कहा- यह बलात्कार रुकने वाले नहीं हैं
दोषी विनय ने फांसी से ऐन पहले कहा कि 'अगर हमें फांसी देने से देश में रेप रुक जाएंगे तो बेशक हमें फांसी पर लटका दो, लेकिन यह बलात्कार रुकने वाले नहीं हैं।'विनय ने यह बात तिहाड़ जेल के एक अधिकारी से कही। जेल अधिकारी ने बताया कि अब फांसी देने के लिए केवल एक दिन बचा है। मुकेश को छोड़कर बाकी तीनों को देखकर अभी भी ऐसा नहीं लग रहा है, जैसे इन्हें एक दिन बाद फांसी पर लटकाया जाना है।
20 मार्च को दी जानी है फांसी
निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जानी है। ऐसे में दोषी बार-बार फांसी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। दोषियों की तरफ से कोर्ट में लगातार याचिकाएं दाखिल की जा रही है। इससे पहले कानूनी दांवपेच के कारण तीन बार फांसी टल चुकी है। लेकिन अब दोषियों की फांसी टलना मुश्किल है। उधर, तिहाड़ जेल में दोषियों की फांसी को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है।