बड़ी खबर : निर्भया के दोषियों को कल एक साथ कोर्ट में किया जाएगा पेश, इस बात पर हो सकता है फैसला

निर्भया कांड के चारों दोषियों को कल पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। दरअसल पिछली सुनवाई में निर्भया की मां ने रोते हुए पूछा था कि दोषियों को कब फांसी होगी। उनका कहना था कि अभी एक दोषी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई है।  

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2019 10:14 AM IST / Updated: Dec 12 2019, 03:56 PM IST

नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को कल पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। दरअसल पिछली सुनवाई में निर्भया की मां ने रोते हुए पूछा था कि दोषियों को फांसी कब होगी। उनका कहना था कि अभी एक दोषी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई है। राष्ट्रपति उसपर फैसला लेंगे। इसके बाद दूसरा, फिर तीसरा और फिर चौथा दोषी दया याचिका लगाएगा। इसी के चलते कोर्ट ने चारों को एक साथ पेश होने का आदेश दिया है। निर्भया की मां के सवाल पर जज ने कहा था कि सभी दोषियों को एक साथ डेथ वारंट जारी होगा।  

निर्भया के दोषियों को हुआ फांसी का एहसास !
तिहाड़ जेल में बंद निर्भया को दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन की नींद उड़ी हुई है। परेशानी में खाना-पीना भी छूट गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 16 दिसंबर को दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। राष्ट्रपति के पास दया याचिका है। वहां से फैसला होते ही दोषियों को फांसी दे दी जाएगी। निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ के जेल नंबर 2 के वॉर्ड नंबर 3 के तीन सेल में रखा गया है। एक दोषी विनय शर्मा को जेल नंबर 4 में रखा गया है। सभी आरोपियों को खबर लग गई है कि उन्हें जल्द ही फांसी पर लटकाया जा सकता है। इस वजह से उनको नींद नहीं आ रही है। खाना-पीना भी छूट गया है। 

नींद नहीं आती, रात भर सेल के चक्कर काटते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फांसी की खबर मिलने पर दोषी रात भर सोते नहीं हैं, बल्कि सेल के अंदर ही चक्कर काटते रहते हैं। दोषियों को किसी भी तरह की कोई दवा नहीं दी गई है।  खाने पीने के लिए सिर्फ लिक्विड दिया जा रहा है। हालांकि जिसे रोटी आदि खाना है उसे वह खाना मुहैया कराया जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोषियों को 16 (निर्भया से गैंगरेप) या फिर 29 दिसंबर (निर्भया की मौत) को फांसी पर लटकाया जा सकता है।

6 में से 4 दोषी बचे हैं
निर्भया गैंगरेप केस में 6 आरोपी थे। एक ने आत्महत्या कर ली थी। एक दोषी कम उम्र की वजह से फांसी के फंदे से बच गया। घटना का मुख्य आरोपी और बस के ड्राइवर राम सिंह ने साल 2013 में जेल के भीतर ही फांसी लगा ली थी।

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