ऐसी ही औरते बलात्कारी पैदा करती हैं, वकील पर भड़कीं कंगना, निर्भया की मां ने कहा, बिल्कुल सही कहा

निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड में दोषियों की माफी के मामले में विवाद बढ़ता ही जा रही है। कंगना रनौत के बयान का निर्भया की मां आशा देवी ने समर्थन किया है। आशा देवी ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने जिस तरह से मुझसे सवाल किया।

Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2020 6:51 AM IST / Updated: Jan 23 2020, 12:50 PM IST

नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड में दोषियों की माफी के मामले में विवाद बढ़ता ही जा रही है। कंगना रनौत के बयान का निर्भया की मां आशा देवी ने समर्थन किया है। आशा देवी ने कहा, मैं कंगना रनौत के बयान से सहमत हूं। मैं उनका धन्यवाद करती हूं। मैं किसी की तरह महान नहीं बनना चाहती। मैं एक मां हूं और सात साल पहले मेरी बेटी की जान गई है और मैं इंसाफ चाहती हूं। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने जिस तरह से मुझसे सवाल किया। ये मानव अधिकारों के नाम पर समाज को धोखा देना है। बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों का मजाक बनाना है। ये मानव अधिकारों के नाम पर बिजनेस चलाते हैं और सिर्फ और सिर्फ मुजरिमों को सपोर्ट करते हैं। इंदिरा जयसिंह ने घिनौना बयान दिया है।

कंगना ने क्या कहा था?
कंगना रनौत ने बयान दिया था कि इंदिरा जयसिंह जैसी महिलाओं की कोख से बलात्कारी पैदा होते हैं। ऐसी महिलाओं को बलात्कारियों के साथ 4 दिन जेल में रखना चाहिए। बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी होनी है।

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दोषियों पर इंदिरा जयसिंह ने क्या कहा था?
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने ट्वीट कर लिखा थाा, "हम आशा देवी के दर्द को पूरी तरह से समझते हैं। मैं उनसे निवेदन करती हूं कि वह सोनिया गांधी को फॉलो करते हुए दोषियों को माफ कर दें।" जैसे उन्होंने (सोनिया) नलिनी सिंह को माफ कर दिया था। जयसिंह ने कहा, "उन्होंने (सोनिया) नलिनी के लिए मौत की सजा नहीं चाहती थीं। हम आपके साथ है पर मौत की सजा के खिलाफ।"

कौन है नलिनी?
1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हुई हत्या में नलिनी दोषी हैं। जिन्हें कोर्ट द्वारा मृत्युदंड सुनाया गया था। लेकिन 24 अप्रैल, 2000 को तमिलनाडु सरकार ने मौत की सज़ा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। नलिनी पिछले 27 साल से ज़्यादा वक्त से जेल में ही कैद हैं।

16-17 दिसंबर की रात निर्भया के साथ क्या हुआ था?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

Nirbhaya Case: Kangana Ranaut ने कहा-ऐसी महिलाओं की कोख से पैदा होते हैं बलात्कारी

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