नीति आयोग की मीटिंग एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन गया है। मीटिंग में शामिल हुई विपक्ष की एकमात्र मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माइक बंद किए जाने का आरोप लगाकर चल रही मीटिंग से उठकर चली गईं। हालांकि, सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया गया है।
Mamata Banerjee Vs Modi Sarkar: नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग कौंसिल मीटिंग में ममता बनर्जी की माइक बंद करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने प्रेस कांफ्रेंस कर ममता बनर्जी के आरोपों पर सफाई दी है। सुब्रमण्यम के पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी आरोपों को खारिज कर दिया था। सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने बताया कि मीटिंग में 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भाग नहीं लिया। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मीटिंग में अपनी बात रखी।
ममता बनर्जी के आरोपों पर क्या कहा सीईओ ने?
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीटिंग में थीं और उन्होंने लंच से पहले समय दिए जाने का अनुरोध किया। सभी को 7 मिनट बोलने का समय दिया गया था। वह बोलीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केवल समय खत्म होने का इशारा किया था। उन्होंने कहा कि हमने उनकी बातों को सुना और नोट किया। मीटिंग में उन्होंने पूरा बयान दिया।
निर्मला सीतारमण बोलीं-ममता बनर्जी झूठा नैरेटिव गढ़ रहीं
पश्चिम बंगाल की सीएम के आरोपों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि माइक नहीं बंद किया गया। वह झूठ पर आधारित कहानी गढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं। हम सभी ने उनकी बात सुनी। हर मुख्यमंत्री को आवंटित समय दिया गया था और यह स्क्रीन पर दिखाया गया था, जो हर टेबल के सामने मौजूद थी। उनका माइक बंद करने का आरोप पूरी तरह से झूठ है। हर मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उनका उचित समय दिया गया था। वित्त मंत्री ने बताया कि मीटिंग की अध्यक्षता नरेंद्र मोदी ने की थी लेकिन आयोजन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। जब किसी मुख्यमंत्री का आवंटित समय खत्म हो जाता था तो रक्षा मंत्री माइक्रोफोन पर टैप करते थे। यह सभी मुख्यमंत्रियों के लिए किया गया था लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बनर्जी ने कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था जो सच नहीं है।
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