Niti Aayog बैठक में तमिलनाडु और पंजाब के CM का केंद्र पर हमला, फंड और पानी बंटवारे पर उठे तीखे सवाल

Published : May 24, 2025, 10:23 PM IST
NITI aayog meeting 2025

सार

Niti Aayog Meeting 2025: 10वीं नीति आयोग बैठक में पीएम मोदी के विकसित भारत के आह्वान के बीच, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने केंद्र से 50% टैक्स शेयरिंग की मांग की, वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान ने SYL विवाद में यमुना पर अपना दावा ठोका।

Niti Aayog Meeting 2025: दिल्ली में शनिवार को हुई 10वीं नीति आयोग (Niti Aayog) की गवर्निंग काउंसिल बैठक में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर सहयोग की अपील की, वहीं कुछ विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने केंद्र पर भेदभाव और संसाधनों के असमान वितरण को लेकर तीखे सवाल उठाए।

स्टालिन बोले –राज्यों को उनका हक मांगने के लिए मुकदमा क्यों करना पड़े?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (MK Stalin) ने केंद्र सरकार से गैर-भेदभावपूर्ण सहयोग की मांग करते हुए कहा कि संघीय लोकतंत्र में यह आदर्श स्थिति नहीं हो सकती कि राज्य अपना हक पाने के लिए संघर्ष करें, विवाद करें या अदालत का दरवाज़ा खटखटाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में तीन भाषा सूत्र पर विरोध के चलते तमिलनाडु को 2000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि रोक दी है, जिसकी चुनौती राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में दे चुकी है।

स्टालिन ने राज्यों को मिलने वाले कर राजस्व (Divisible Tax Revenue) का हिस्सा 41% से बढ़ाकर 50% करने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा: पिछले चार वर्षों में केंद्र ने केवल 33.16% कर राजस्व ही राज्यों को दिया है, जबकि 15वें वित्त आयोग ने 41% की सिफारिश की थी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राज्यों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है जिससे तमिलनाडु जैसे राज्यों पर वित्तीय बोझ और गहराता जा रहा है।

पंजाब का पानी विवाद: हमें देना क्या, हमारे पास है ही नहीं

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने हरियाणा के साथ लंबे समय से चले आ रहे SYL नहर विवाद पर केंद्र के सामने दो टूक रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है। हमारे जल स्रोत –रावी, ब्यास और सतलुज – पहले से ही घाटे में हैं। मान ने Yamuna-Sutlej Link (YSL) की बात करते हुए सुझाव दिया कि वर्तमान जल संकट में surplus basin से deficit basin की ओर पानी ले जाने की योजना बनाई जानी चाहिए, न कि SYL जैसी विवादास्पद परियोजनाएं थोपने की। उन्होंने 1954 में पंजाब और यूपी के बीच हुए यमुना जल समझौते का हवाला देते हुए कहा कि उस समय पंजाब को यमुना का दो-तिहाई पानी दिए जाने का प्रावधान था लेकिन आज पंजाब को उसका कोई हिस्सा नहीं मिल रहा।

केंद्र-राज्य संबंधों की नई दिशा?

जहां पीएम मोदी ने 2047 तक $30 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था और विकसित भारत का विजन साझा किया, वहीं कुछ राज्यों ने यह साफ कर दिया कि संघीय ढांचे में समावेशी और समान भागीदारी के बिना यह लक्ष्य मुश्किल होगा।

इस अहम बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कर्नाटक के सिद्धारमैया, केरल के पिनाराई विजयन, बिहार के नीतीश कुमार और पुडुचेरी के रंगास्वामी ने हिस्सा नहीं लिया।

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