नितिन गडकरी की चेतावनी-डीजल गाड़ियों का निर्माण कम करें नहीं तो इतना टैक्स बढ़ाएंगे कि बेचना मुश्किल हो जाएगा

नई दिल्ली में 63वें वार्षिक SIAM सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि डीजल Car को अलविदा कहें।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 12, 2023 10:28 AM IST / Updated: Sep 12 2023, 05:16 PM IST

Nitin Gadkari warned Car makers: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय कार मेकर्स को चेतावनी दी है। गडकरी ने कहा कि अगर कार निर्माता कार प्रोडक्शन को सीमित नहीं करते हैं तो सरकार के पास डीजल वाहनों पर टैक्स बढ़ाने और उनकी बिक्री को कम करने के लिए कड़े नियम बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

नई दिल्ली में 63वें वार्षिक SIAM सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि डीजल को अलविदा कहें। कृपया इन्हें बनाना बंद करें, नहीं तो हम टैक्स इतना बढ़ा देंगे कि डीजल कारें बेचना मुश्किल हो जाएगा।

 

 

फिलहाल नहीं बढ़ाएंगे टैक्स

हालांकि, नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि अभी टैक्स बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है लेकिन कार निर्माताओं ने डीजल वाहनों का निर्माण कम नहीं किया तो सरकार मजबूर होकर ऐसा कर सकती है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा था कि सरकार डीजल वाहनों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैक्स लगा सकती है। लेकिन मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस तरह की बढ़ोतरी के लिए कोई विशेष प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।

नितिन गडकरी ने कहा कि डीजल वाहनों की बिक्री पर अतिरिक्त 10% जीएसटी का सुझाव देने वाली मीडिया रिपोर्टों को स्पष्ट करने की तत्काल आवश्यकता है। यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि सरकार द्वारा वर्तमान में सक्रिय विचाराधीन ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। कार्बन हासिल करने की हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप 2070 तक नेट ज़ीरो और डीजल जैसे खतरनाक ईंधन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल की बिक्री में तेजी से वृद्धि के लिए, सक्रिय रूप से स्वच्छ और हरित वैकल्पिक ईंधन को अपनाना जरूरी है। सरकार ग्रीन एनर्जी पर काम कर रही है।

वर्तमान में ऑटोमोबाइल पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत सेस

इस समय ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 1 से 22 प्रतिशत तक सेस लगता है। एसयूवी पर सबसे अधिक 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ 22 प्रतिशत सेस है।

डीजल को गडकरी ने बताया खतरनाक ईंधन

डीजल को खतरनाक ईंधन बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बढ़ती मांग के कारण भारत ईंधन आयात पर बहुत अधिक निर्भर हो गया है। 2014 में डीजल कारों की संख्या 53% से गिरकर अब 18% हो गई है। उन्होंने कार मेकर्स से पर्यावरण अनुकूल ग्रीन हाइड्रोजन, इथेनॉल जैसे ईंधन पर फोकस करने या इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। मारुति सुजुकी और होंडा जैसी कार निर्माताओं ने डीजल यात्री वाहनों का निर्माण रोक दिया है।

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